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    यह तो Too Much है, बिहार के सरकारी अस्पताल में मरीज से स्टिच के धागे के लिए मांगे रुपये

    By Keshav Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Thu, 13 Nov 2025 11:45 AM (IST)

    बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य के अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से कुछ न कुछ गड़बड़ी सामने आ रही है। इसकी वजह से मरीजों का अनुभव बेहतर नहीं रह रहा है। मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला है। जहां धागे के लिए पैसे मांगे गए।

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    Bihar News: एसकेएमसीएच से लगातार अनियमितता की सूचना मिल रही। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Bihar News: एसकेएमसीएच की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही। कर्मचारियों की लापरवाही का परिणाम यह है कि मरीजों से रुपये मांगे जा रहे हैं। कभी खून के नाम पर तो कभी धागे के नाम पर। ताजा मामला एक जख्मी से रुपये मांगने का सामने आया है।

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    एसकेएमसीएच के ड्रेसिंग रूम मे मारपीट मे जख्मी होकर पहुंचे मरीज से वहां मौजूद कुछ कर्मचारियों ने स्टिच धागा के लिए राशि की मांग की। विरोध जताते हुए मरीज के स्वजन मामले की शिकायत लेकर अधीक्षक कार्यालय पहुंचे।


    अस्पताल प्रबंधक ने मरीज के स्वजन को रुपये मांगने वाले कर्मी को लाने को कहा। जैसे ही मरीज के स्वजन कर्मी को अधीक्षक कार्यालय चलने को कहा वह भाग गया। उसे पकड़ने मरीज के स्वजन दौड़े। इस बीच इमरजेंसी वार्ड मे अफरातफरी मची रही। पीड़ित मरीज गायघाट रामनगर भूसरा का पप्पू कुमार है।

    डयूटी स्थल पर मूल कर्मी रहते गायब

    एसकेएमसीएच के ड्रेसिंग रूम समेत अन्य जगहों पर इन दिनों मूल कर्मी गायब रहते हैं। उपाधीक्षक राउंड के दौरान यह मामला सामने आया। ड्रेसिंग रूम मे बुधवार को मनीष नाम का ड्रेसर डयूटी स्थल पर नही दिखा। उसके जगह अध्ययनरत नर्सिंग और परामेडिकल स्टाफ मिले।

    यही नहीं नेत्र साहयक का स्टुडेंट्स मरीज को ड्रेसिंग और स्टीच करते देखा गया। इसको लेकर उपाधीक्षक डा. सतीश कुमार सिंह ने ड्रेसर मनीष कुमार को फटकार लगाई है। उससे स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही पारामेडिकल कर्मी का ड्यूटी रोस्टर बनाने वाले एनेस्थेसिया के चिकित्सक को कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

    यूरिनल और स्नानघर में हो रही वसूली

    श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल में शौचालय और वाशरूम की कुव्यवस्था से लोग आहत हैं। सार्वजनिक शौचालय में भी इन सुविधाओं के नाम पर मरीजों और उनके स्वजन से वसूली हो रही है। यूरिनल के पांच रुपये, शौचालय के 10 रुपये व स्नानागार के 20 रुपये खुलेआम वसूले जा रहे हैं।

    इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अधिक वसूली से आहत पुरुष मरीज परिसर में नाले किनारे काम चला रहे हैं तो महिलाओं को दर-बदर भटकना पड़ रहा है। अस्पताल परिसर में ही सार्वजनिक शौचालय का बड़ा बोर्ड लटका है।

    इसे देखने से निशुल्क सुविधा होने की गफलत में लोग पड़ जाते हैं। उपयोग के बाद गेट पर बैठा कर्मचारी इन सुविधाओं के लिए अलग-अलग पैसे वसूल लेता है। इस सार्वजनिक शौचालय की दीवारों पर तीनों ही सुविधा के लिए पांच रुपये रेट अंकित है, मगर पेंट से उसको मिटाकर उपभोक्ताओं का आर्थिक शोषण किया जा रहा है।

    शिवहर के बमभोला, बेलसंड का शोभा देवी, बोचहां का रामभजन का कहना था कि उन लोगों से युरिनल, शौचालय व स्नानागार के अलग-अलग रुपए देने होते हैं। रोजाना दो हजार से तीन हजार के बीच इनडोर व आउटडोर मिलाकर आते हैं। आठ सौ से अधिक मरीज यहां विभिन्न वार्डों में भर्ती हैं।

    यूरिनल, शौचालय व स्नानागार के लिए अलग-अलग पैसे नहीं लेने हैं। यूरिनल तो बिल्कुल निःशुल्क है। रही बात शौचालय व स्नानागार की तो उसके लिए सिर्फ पांच रुपये लेने हैं। स्नानागार व शौचालय के लिए अलग-अलग चार्ज नहीं करना है। दीवार पर अंकित दर को पेंट से मिटाना गंभीर बात है, उसको तत्काल अंकित करवाया जाएगा। शौचालय उपयोग के लिए अलग-अलग दर का वसूला जाना गंभीर विषय है। अगर पेयबल भी है तो वह नार्मल चार्ज होगा। तत्काल इसकी जांच कराई जाएगी।

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    डा. सतीश कुमार सिंह, उपाधीक्षक, एसकेएमसीएच