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    Weather Muzaffarpur: उत्तर बिहार में मौसम में बदलाव की संभावना, व‍िभाग ने जारी क‍िया पूर्वानुमान

    By Dharmendra Kumar SinghEdited By:
    Updated: Mon, 03 Oct 2022 08:47 AM (IST)

    मुजफ्फरपुर में आज सुबह से आसमान साफ है। हल्की हवा बह रही है। तापमान में वृद्धि के चलते उमस की संभावना है। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में दिन गर्म रहने की संभावना व्यक्त की हैं।कुछ जगहों पर हल्‍की बार‍िश हो सकती है।

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    मुजफ्फरपुर समेत उत्‍तर ब‍िहार के कुछ जगहों पर बार‍िश की संभावना। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    मुजफ्फरपुर,आनलाइन डेस्‍क। सुबह से मुजफ्फरपुर ज‍िले में धूप ख‍िली है। उत्तर बिहार के कुछ ज‍िलों में मौसम में बदलाव होने की संभावना है। 3-4 अक्टूबर को हल्की वर्षा की अनुमान है। जबकि तराई के क्षेत्रों में मध्यम वर्षा की संभावना है। पांच अक्टूबर तक के लिए जारी मौसम पूर्वानुमान में इस तरह की आशंका जताई गई है। रविवार को आसमान में आंशिक बादल छाए रहे। मध्यम पुरवा चलने से उमस और गर्मी से राहत रही।

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    पछ‍िया हवा चलने की संभावना

    आज अधिकतम तापमान 33 से 35 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पछिया, उसके बाद पुरवा हवा चलेगी। डा. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विभाग ने कहा है कि पूर्वानुमान की अवधि में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण मौसम में बदलाव होने की संभावना है। जिसके कारण आसमान में मध्यम बादल देखे जा सकते हैं। वहीं श‍िवहर ज‍िले में सोमवार को मौसम सामान्य हैं। आसमान साफ है। हल्की हवा बह रही है। तापमान में वृद्धि के चलते सुबह से ही उमस हैं। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में दिन गर्म रहने की संभावना व्यक्त की हैं। आज वर्षा की संभावना नहीं है।

    वर्षा के बाद भी पड़ेगा फसल पर असर

    पश्‍च‍िम चंपारण के बगहा दो के विभिन्न क्षेत्रों में इस बार अल्प वृष्टि होने के कारण धान व गन्ना की फसल अन्य वर्षों की अपेक्षा बेहतर नहीं है। अधिकांश किसान लागत निकलने को लेकर भी आश्वस्त नहीं हैं। ऐसे में विगत दिनों हुई बारिश से कुछ खेतों में लगी धान की फसल को हरियाली मिली है, लेकिन अधिकांश फसलें नुकसान हो चुकी है। जिनको हरियाली मिली है उसमें फूल के साथ बालियां निकल रही हैं। किसानों का कहना है कि धान की फसल को एक बार फिर बारिश की दरकार है। अगर दो से तीन दिनों के अंदर बारिश हो गई तो ठीक वर्ना पैदावार पर असर पड़ना तय है। जानकारों का मानना है कि इस परिस्थिति में अगर धान की फसल को आकाशीय पानी नहीं मिला तो उपज के साथ पैदावार प्रभावित हो जाएगा। उपज के आधा भी पैदावार होना असंभव है।