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    Bihar Chunav 2020: मधुबनी में दो मंत्री और एक मंत्री के बहू की प्रतिष्ठा दांव पर

    By Murari KumarEdited By:
    Updated: Fri, 06 Nov 2020 04:19 PM (IST)

    Bihar Election 2020 बेनीपट्टी में पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा भाजपा के उम्मीदवार। लौकहा में आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय जदयू के प्रत्याशी। बाबूबरही में दिवंगत पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत की बहू मीना कामत जदयू की प्रत्याशी।

    पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा, आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय व दिवंगत मंत्री कपिलदेव कामत की बहू मीना कामत

    मधुबनी, जेएनएन। मधुबनी जिले में तीसरे चरण में छह विधानसभाओं का चुनाव होना है। इनमें से तीन सीटें ऐसी हैं जिसपर पूरे राज्य की नजर है। कारण, इन तीन सीटों पर सूबे के दो मंत्री एवं एक मंत्री के बहु की किस्मत दांव पर लगी है। बेनीपट्टी से पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा, लौकहा से आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय और बाबूबरही सीट से चुनाव के दौरान ही दिवंगत हुए पंचायती राज मंत्री कपिलेश्वर कामत की बहू मीना कामत एनडीए प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। इन तीनों सीटों पर मुकाबला बेहद कड़ा हो चुका है। इस बार के चुनावी समीकरण में इन तीनों के लिए सीट निकालना बेहद कठिन चुनौती मानी जा रही है।

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     बेनीपट्टी विधानसभा में पीएचईडी मंत्री का मुकाबला कांग्रेस की भावना झा से है जिनसे वे पिछले चुनाव में पीछे रह गए थे। यहां ब्राह्मण मतदाताओं की बहुलता है। एनडीए व महागठबंधन से ब्राह्मण प्रत्याशियों के होने से इस वोट बैंक में बिखराव तय है। दूसरे स्थान पर मुस्लिम और तीसरे स्थान पर यादव जाति के मतदाता हैं। महागठबंधन को जीत के लिए इस वोट बैंक के बिखराव को रोकना होगा। वहीं, एनडीए को ब्राह्मण मतदाताओं के साथ ही अति पिछड़ा मतों के बिखराव को रोकना चुनौती होगी। यहां से निर्दलीय प्रत्याशी जदयू के जिला उपाध्यक्ष नीरज झा के बगावत से पीएचईडी मंत्री की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं।

     इधर, लौकहा विधानसभा में धानुक, तेली, यादव व अल्पसंख्यकों की बहुलता है। धानुक मतदाता अब तक जदयू को वोट करते आए हैं, लेकिन इस बार राजद ने धानुक प्रत्याशी भारत भूषण मंडल को मैदान में उतारा है। इससें पेंच फंस गया है। पिछली बार जदयू के विरोध में रहे भाजपा के प्रत्याशी प्रमोद कुमार प्रियदर्शी इस बार लोजपा के टिकट पर हैं। ये तेली जाति से हैं। ऐसे में जदयू को भाजपा के साथ का अधिक फायदा होता नहीं दिख रहा। पूर्व केंद्रीय मंत्री व सजद डी के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद यादव के पुत्र आलोक कुमार यादव भी इस बार लौकहा से मैदान में हैं। इनकी नजर यादव व मुसलमान वोटों पर है।

     यह महागठबंधन प्रत्याशी के लिए हानिकारक हो सकता है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस बार आपदा प्रबंधन मंत्री के लिए जदयू का किला बचाना एक बड़ी चुनौती है। बाबूबरही में जदयू प्रत्याशी मीना कामत का मुकाबला यहां से दो बार उनके ससुर स्व. कपिलदेव कामत को हराकर विधायक बनने वाले उमाकांत यादव से है। यहां जदयू को सीट बचाने के लिए यादव वोटों में सेंध लगानी होगी। क्षेत्र में दूसरे स्थान पर कोयरी जाति के मतदाता हैं। रालोसपा ने यहां से कोयरी जाति के ही महेंद्र प्रसाद सिंह को उम्मीदवार बना दिया है।

     इसके अलावा निर्दलीय राजकुमार सिंह व कीर्तन प्रसाद सिंह भी कोयरी जाति के हैं। ऐसे में यदि कोयरी जाति के मतदाता गोलबंद हो गए और जदयू के पक्ष में वोट किया तो मीना कामत की जीत पक्की मानी जा सकती है, यदि यह वोट राजद के झोले में गया तो जदयू की परेशानी बढ़ेगी। लेकिन, यदि कोयरी मतदाता जदयू के पक्ष में गोलबंद नहीं हुए और उनका वोट बिखरा तो जदयू व राजद, दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी। इस बार बेनीपट्टी व लौकहा में 15-15 और बाबूबरही में 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।