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    Muzaffarpur News: आयुर्वेद का सिद्धांत पांच हजार वर्ष पुराना, वर्तमान पारामीटर पर सिद्ध करना जरूरी

    By Dharmendra Kumar SinghEdited By:
    Updated: Mon, 23 May 2022 10:47 PM (IST)

    Muzaffarpur News नीतिश्वर आयुर्वेद मेडिकल कालेज में आयुर्वेद संक्रमणकालीन पाठ्यचर्या कार्यक्रम में पटना से पहुंचे अतिथि। आयुर्वेद के क्षेत्र में शोध और वर्तमान में इसकी जरूरत से छात्र-छात्राओं को कराया अवगत। 15 दिनों तक चलेगा कार्यक्रम ।

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    नीतिश्वर आयुर्वेद मेडिकल कालेज में बोलते डा. रोहित रंजन। फोटो-जागरण

    मुजफ्फरपुर, जासं। आयुर्वेद का सिद्धांत पांच हजार वर्ष पुराना है। इसे आज के पारामीटर पर सिद्ध करने की जरूरत है। आयुर्वेद के बारे में लोगों के बीच जागरूकता लाने की जरूरत है। इसको लेकर देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों में पंचकर्म केंद्र खोले जा रहे हैं। ये बातें सोमवार को बावनबीघा स्थित नीतिश्वर आयुर्वेद मेडिकल कालेज में आयोजित 15 दिनी पाठ्यचर्या कार्यक्रम के तीसरे दिन मुख्य अतिथि गर्वमेंट आयुर्वेद कालेज पटना के प्राचार्य डा.संपूर्णानंद तिवारी ने कहीं। कहा कि आयुर्वेद विशेषज्ञता एवं चिकित्सा के क्षेत्र में वर्तमान समय में अपार संभावनाएं हैं।

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    आयुर्वेद एवं योग का प्रयोग कर अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं। गर्वमेंट आयुर्वेद कालेज पटना के सहायक प्राध्यापक डा.रोहित रंजन ने कहा कि लोगों को ऋतुओं के अनुसार भोजन ग्रहण करना चाहिए। इससे वे बीमार होने से बच सकते हैं। दैनिक जागरण, मुजफ्फरपुर के संपादकीय प्रभारी बृजेश दूबे ने कहा कि योग पूर्वक किया गया कार्य कुशलता प्रदान करता है। आयुर्वेद के साथ सबसे बड़ी चुनौती उसे मिथ्यात्मक चिकित्सा पद्धति से दूर रखना है। आयुर्वेद पर लोगों को काफी विश्वास है, पर जब हम उसके वैज्ञानिक पहलू की चर्चा करते हैं तो हमारा हाथ खाली हो जाता है। आज के युवा शोध और परिणाम पर विश्वास करते हैं। ऐसे में छात्र-छात्राओंं को चाहिए कि वे शोध पर ध्यान दें। शोध ऐसा हो जो वैज्ञानिक तर्कों से सहमत हो।

    जटिल रोगों का उपचार भी आयुर्वेद से 

    इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने भगवान धन्वंतरी को पुष्प अर्पित कर किया। संचालन व धन्यवाद ज्ञापन प्रभात द्विवेदी ने किया। जटिल रोगों का उपचार भी आयुर्वेद के माध्‍यम से क‍िया जाता है। आयुर्वेद एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। कार्यक्रम में मौके पर निदेशक राज वत्स, डा. रोहित रंजन, डा. पवन कुमार, डा. कश्यप संतोष, डा.रोहितास पासवान, डा. संजीव, डा.रंजीत कुशवाहा , डा.राम सकल स‍िंह, डा.मृत्युंजय स‍िंह, डा.अरविंद कुमार, डा. वर्तिका केसरी, डा. प्रियंका खेराड़े समेत सभी शिक्षक और नवप्रवेशित छात्र- छात्राएं मौजूद थे।

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