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    पांचवीं कक्षा की सीतामढ़ी निवासी छात्रा तेजस्वी प्रियांशी की कविता ओएमजी बुक आफ रिकार्ड में

    By Ajit KumarEdited By:
    Updated: Fri, 18 Feb 2022 11:30 AM (IST)

    उत्तराखंड स्थित प्राची डिजिटल पब्लिकेशन ने आजादी का अमृत महोत्सव से प्रेरित होकर कविता संग्रह भारत 75 देशभक्ति की भावनाओं से ओत-प्रोत उत्कृष्ट संकलन प ...और पढ़ें

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    पुस्तक के प्रथम भाग में तेजस्वी प्रियांशी की माता शिक्षिका प्रियंका का भी चयन किया गया था। फाइल फोटो

    सीतामढ़ी,संस। शहर के प्रतापनगर मोहल्ले की पांचवीं कक्षा की छात्रा तेजस्वी प्रियांशी की लिखी रचना ओएमजी बुक आफ रिकॉर्ड में शामिल हुई है। सेंट मेरी कान्वेंट स्कूल की प्रधानाचार्या सिस्टर जीवन और विद्यालय प्रबंधन अपनी छात्रा तेजस्वी प्रियांशी की उपलब्धि पर गौरवान्वित हैं। छात्रा तेजस्वी शिक्षिका सह लेखिका प्रियंका कुमारी एवं अधिवक्ता अखिलेश कुमार झा की सुपुत्री है।

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    उत्तराखंड स्थित प्राची डिजिटल पब्लिकेशन ने भारत सरकार द्वारा मनाए जा रहे 'आजादी का अमृत महोत्सव' से प्रेरित होकर कविता संग्रह 'भारत@ 75' देशभक्ति की भावनाओं से ओत-प्रोत उत्कृष्ट संकलन प्रकाशित किया गया है, जिसके दूसरे भाग में तेजस्वी प्रियांशी की रचना को स्थान मिला है। बताते चलें कि इस पुस्तक के प्रथम भाग में तेजस्वी प्रियांशी की माता शिक्षिका प्रियंका का भी चयन किया गया था। मां के बाद बेटी की यह उपलब्धि जिले के लिए हर्ष का विषय है।

    'भारत@75' का संकलन अपने आप में एक अंनूठा संकलन है क्योंकि इसमें संपूर्ण भारत के नामचीन 75 रचनाकारों की उत्कृष्ट 75 रचनाएं शामिल की गई है। पूरे देश से हजारों रचनाएं भेजी गई थी। लेकिन केवल ऐसी रचनाओं को शामिल किया गया है, जिनमें देशभक्ति, देश के प्रति गहरी श्रद्घा झलकती है। गौरव की बात है कि मात्र दस वर्ष की उम्र में तेजस्वी प्रियांशी को यह उपलब्धि हासिल हुई है। पांच दिन के अंदर पुस्तक बनाने का अनूठा रिकॉर्ड भी प्राची डिजिटल पब्लिकेशन द्वारा बनाया गया है, जिसके लिए इस पुस्तक को ओएमजी बुक औफ रिकॉर्ड में दर्ज कर राष्ट्रीय उपलब्धि दर्ज की गई।

    तेजस्वी की रचना ‘गर्व करने को बनी है भारत भूमि मेरी ’ राष्ट्र के प्रति प्रेम भावना, श्रद्घा और विश्वास के सामंजस्य के साथ साथ सभी देशवासियों के त्याग की महत्ता को दर्शाता है। यह जरूरी नहीं है कि देश के प्रति अपना प्रेम और समर्पण दिखलाने के लिए सीमा पर जाएं, अपने देश की सेवा हम सामाजिक जीवन जीते हुए श्रद्घा और विश्वास के साथ अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन कर सकते हैं। और यही 'भारत@75' पुस्तक में किया गया है। यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेंट की गई है।