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    टेक्नीशियन नहीं होने से सदर अस्पताल का आक्सीजन प्लांट दो वर्ष से बंद, अब होने जा रही एक खास व्यवस्था

    Updated: Sat, 19 Jul 2025 05:39 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल का आक्सीजन प्लांट दो साल से बंद है जिससे हर महीने 50 हजार रुपये का अतिरिक्त खर्च आ रहा है। कोरोना काल में स्थापित इस प्लांट के टेक्नीशियन का अनुबंध समाप्त होने के बाद से यह बंद है। अब राज्य मुख्यालय ने आउटसोर्सिंग एजेंसी को संचालन की जिम्मेदारी दी है जिससे जल्द ही प्लांट के शुरू होने की उम्मीद है।

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    सदर अस्पताल परिसर में दो साल से आक्सीजन प्लांट बंद है। जागरण

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। सदर अस्पताल परिसर में दो साल से आक्सीजन प्लांट बंद है। प्लांट के बंद रहने से फिलहाल अस्पताल में हर माह आक्सीजन सिलेंडरों पर 40 से 50 हजार रुपये का अतिरिक्त खर्च हो रहा है।मालूम हो कि कोरोना काल में मातृ-शिशु अस्पताल परिसर में 900 एलपीएम क्षमता वाला आक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया था, लेकिन मार्च 2023 में प्लांट का संचालन कर रहे टेक्नीशियन का अनुबंध समाप्त हो गया। इसके बाद अनुबंध का नवीकरण नहीं हो सका, जिससे प्लांट बंद हो गया।

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    मातृ-शिशु सदन में स्थित एसएनसीयू यूनिट सहित अन्य वार्डों में प्रतिदिन सिलेंडरों के सहारे मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, हर माह लगभग 200 से 250 सिलेंडर की खपत हो रही है। इस पर करीब 50 हजार महीना खर्च हो रहा हैं। प्लांट के दोबारा चालू होने पर न केवल खर्च में बचत होगी, बल्कि मरीजों को भी निर्बाध आक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।

    प्लांट चालू होने से होंगे ये फायदे :

    • हर माह सरकार की होगी चालीस से पचास हजार बचत-
    • पाइप लाइन के माध्यक से सीधे बेड पर पहुंच पाएगा आक्सीजन
    • अभी मरीज को अलग से लगाया जा रहा आक्सीजन प्लांट

    पिछले दो वर्षों से प्लांट बंद है। टेक्नीशियन की कमी के कारण इसे चालू नहीं किया जा सका था। अब राज्य मुख्यालय की ओर से आउटसोर्सिंग एजेंसी को प्लांट संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बहुत जल्द प्लांट का संचालन शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

    रेहान अशरफ, जिला कार्यक्रम प्रबंधक