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    Muzaffarpur news: आटो व ई-रिक्शा की संख्या पर लगेगी लगाम? क्यूआर कोड से कैसे बदलेगा पूरा गणित

    By Md Samsad Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Mon, 24 Nov 2025 10:46 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में जाम की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन ने आटो और ई-रिक्शा की संख्या को नियंत्रित करने का फैसला किया है। हर रूट पर वाहनों की संख्या तय होगी, और उन्हें कलर कोड से पहचाना जाएगा। पार्किंग स्थल निर्धारित किए जाएंगे, और भविष्य में क्यूआर कोड से वाहन और चालक की जानकारी मिलेगी। इसके लिए कमेटी आवेदनों पर विचार करेगी और वैध परमिट धारकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

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    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है। 

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। शहर में बेलगाम हो चुके व जाम की समस्या की प्रमुख वजह बने ई-रिक्शा व आटो की संख्या पर लगाम लगेगी। हर रूट में आटो व ई-रिक्शा की संख्या तय होगी। परिवहन विभाग द्वारा 2024 में इसको लेकर जारी किए गए आदेश को अमलीजामा पहनाने में प्रशासन जुट गया है।

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    नगर निगम, जिला परिवहन विभाग, यातायात पुलिस समेत कई विभागों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। शहरी क्षेत्र में सड़कों पर क्षमता के अनुसार इनकी संख्या तय की जाएगी। साथ ही पार्किंग व ठहराव का स्थल निर्धारित किया जाएगा। जिलाधिकारी के आदेश के बाद संबंधित अधिकारी इसमें जुट गए हैं। नई व्यवस्था लागू होने के बाद एक तरफ जहां शहर को जाम की समस्या से निजात मिलने की संभावना है वहीं, हर रूट के आटो व ई-रिक्शा की कलर कोड से पहचान होगी।

    ई-रिक्शा-आटो के परिचालन में इस तरह होगा बदलाव

    • शहरी क्षेत्र में जाम की समस्या से निजात के लिए सभी रूटों को जोन में बांटकर अलग-अलग कलर तय किया जाएगा।
    •  शहरों में सड़कों की क्षमता के अनुसार ही ई-रिक्शा-आटो का निबंधन किया जाएगा।
    •  शहरी क्षेत्र में ई-रिक्शा-आटो के संभावित निर्धारित क्षमता का प्रतिशत रिजर्व ई-रिक्शा-आटो के लिए होगा। रिजर्व के लिए अलग कलर कोड का स्टीकर या पेंट होगा।
    • बिहार टैक्सी एग्रीमेंट परिचालन निर्देश 2019 के अंतर्गत सेवा प्रदाताओं को भी ई-रिक्शा-आटो के परिचालन के लिए लाइसेंस लेना होगा। भविष्य में क्यूआर कोड भी विकसित होगा।
    •  शहरी क्षेत्र में निर्धारित प्रत्येक जोन में रूटों का टैगिंग करते हुए ई-रिक्शा-आटो के लिए पार्किंग की व्यवस्था होगी।
    • ई-रिक्शा-आटो पर क्यूआर कोड अंकित होगा। इसको स्कैन करने पर ई-रिक्शा-आटो व चालक से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध होगी।
    • - ई-रिक्शा-आटो को संबंधित जोन व रूट के साथ पुलिस थानों को टैग किया जाएगा।

    आवेदन पर रूटों का चयन करेगी कमेटी

    • ई-रिक्शा-आटो चालकों से रूटों के लिए आवेदन लिया जाएगा। कमेटी इन आवेदनों पर निर्णय लेगी।
    • ई-रिक्शा-आटो के स्वामी जो स्वयं चालक व वैध परमिटधारी भी हैं, उन्हें वरीयता में प्राथमिकता दी जाएगी।
    • किसी रूट में निर्धारित संख्या से अधिक आवेदन आने पर लाटरी द्वारा चयन होगा।

    प्रमंडल व जिलों में इनको दी गई जिम्मेदारी

    प्रमंडल में नोडल पदाधिकारी प्रमंडलीय आयुक्त को बनाया गया है। जिले में जिलाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया जाएगा। जिले में जिलाधिकारी कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए हैं। उप विकास आयुक्त, पुलिस अधीक्षक, सिविल सर्जन, जिला परिवहन पदाधिकारी, अपर जिला परिवहन पदाधिकारी, मोटरयान निरीक्षक सदस्य बनाए गए हैं। ई-रिक्शा व आटो संघ के प्रतिनिधि आमंत्रित सदस्य होंगे।

    ई-रिक्शा व आटो की संख्या को नियंत्रित किया जाएगा। खासकर शहरी क्षेत्रों में सड़कों की क्षमता के अनुसार संख्या तय होगी। इसको लेकर कवायद शुरू कर दी गई है।
    कुमार सतेंद्र यादव, डीटीओ