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एनएच-77 निर्माण की बाधा खत्म करने मंत्री का नया प्रस्ताव, नहीं माने भू-धारी

फोरलेन के मुजफ्फरपुर-हाजीपुर खंड के 36 गांवों की जमीन में नौ वर्षों से फंसा है मुआवजा का पेच। मंत्री ने कहा, ढाई गुना मुआवजा व ब्याज के साथ भूधारियों को मिलेगी राशि।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 01 Dec 2018 10:54 PM (IST)Updated: Sun, 02 Dec 2018 09:15 AM (IST)
एनएच-77 निर्माण की बाधा खत्म करने मंत्री का नया प्रस्ताव, नहीं माने भू-धारी
एनएच-77 निर्माण की बाधा खत्म करने मंत्री का नया प्रस्ताव, नहीं माने भू-धारी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मुआवजे के पेच में एनएच-77 के मुजफ्फरपुर-हाजीपुर खंड में जमीन का अधिग्रहण नौ वर्षों से फंसा है। इस बाधा को समाप्त करने के लिए राज्य के पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) व भूधारियों के साथ बैठक की। उन्होंने मुआवजे का नया प्रस्ताव उनके सामने रखा। इसमें एमवीआर की ढाई गुना राशि के अलावा करीब नौ वर्षों की ब्याज राशि भी दी जाएगी। मगर, भूधारी इस प्रस्ताव पर सहमत होते नहीं दिख रहे। फिलहाल मंत्री ने भूधारियों को नए प्रस्ताव पर विचार करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। सहमति के बाद दो माह में मुआवजे के भुगतान की बात मंत्री ने कही। भू-धारियों को मंत्री ने कहा कि इस निर्माण से मुजफ्फरपुर विकास के पथ पर और तेजी से अग्रसर होगा। यह एक पहल है। तकनीकी एवं कानूनी पहलू के बावजूद बेहतर तालमेल से रास्ता निकालने का यह एक प्रयास है।

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 नगर विकास एवं आवास विभाग सुरेश कुमार शर्मा ने भूधारियों से अपील की कि जिले के सर्वांगीण विकास के लिए सार्थक पहल करें। ताकि, इस मुद्दे का समाधान हो। तालमेल से कोई न कोई रास्ता निकलेगा। बैठक में सांसद अजय निषाद, विधायक केदार गुप्ता व बेबी कुमारी, डीएम मो. सोहैल, अपर समाहर्ता डॉ. रंगनाथ चौधरी, जिला भूअर्जन पदाधिकारी मो. उबैर, एनएचएआइ के प्रतिनिधि मौजूद थे।

पंचाट नहीं हो सका घोषित

बैठक में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि एनएचएआइ को सभी 36 मौजे का प्राक्कलन स्वीकृत कर भेजा गया। मगर, आज तक एक भी मौजे के प्राक्कलन का अनुमोदन या राशि उपलब्ध नहीं कराई गई। इस कारण पंचाट घोषित नहीं किया जा सका। इसलिए शेष राशि का भुगतान तभी संभव है जब सभी मौजे के प्राक्कलन का अनुमोदन कर राशि उपलब्ध कराए। परियोजना निदेशक, एनएचएआइ छपरा ने इस मामले में कहा था कि पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव से आपत्तियों को लेकर राज्य स्तरीय कमेटी गठित करने का अनुरोध किया गया था। कमेटी की अनुशंसा के बाद ही एनएचएआइ मुआवजा राशि के अनुमोदन का निर्णय लेगा।

वर्ष 2012 के वर्गीकरण के आधार पर मुआवजे का प्रस्ताव

बैठक में बताया गया कि खंड की 34 किमी लंबी सड़क के लिए अधिग्रहण की जाने वाली जमीन के प्रकार में कई बार परिवर्तन हुआ। अंतिम परिवर्तन 2012 में हुआ। मंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया कि वर्ष 2012 में जमीन का जो वर्गीकरण हुआ उसका अनुमोदन केंद्र से करवाया जाएगा। वहीं दी जाने वाली मुआवजा की शेष राशि का भुगतान ब्याज के साथ दिया जाएगा। यह ब्याज भुगतान की तिथि तक का होगा।

एक नजर में परियोजना

एनएच-77 के हाजीपुर-मुजफ्फरपुर खंड में कुल लंबाई 34 किलोमीटर है। भूमि अधिग्रहण की कुल प्राक्कलित राशि 177.5 करोड़ है। इसमें 99.85 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए। इसमें 61.92 करोड़ रुपये वितरित कर दिए गए। जिला भूअर्जन पदाधिकारी के अनुसार 36 प्रस्ताव में 80 प्रतिशत मुआवजा भुगतान करते हुए एनएचएआइ को दखल कब्जा सौपा जा चुका है।

दस गांवों को एमवीआर की

चार गुना राशि का प्रस्ताव

इस मामले में दस गांवों को एमवीआर की चार गुना राशि मुआवजा के रूप में दिए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। हालांकि, इसे एनएचएआइ नहीं स्वीकार कर रहा। वहीं शेष 26 गांव को एमवीआर की ढाई गुना की दर से ही मुआवजा दिया जाना है।

ढाई गुना की दर से मुआवजा वाले गांव (रकवा व राशि)

बारमतपुर (2.941 एकड़ व 1,48,14,571 रुपये), लश्करीपुर (1.838 एकड़ व 2,54,40,696 रुपये), रूपौली (1.806 एकड़ व 2,80,96,046 रुपये), बाजिदपुर कोदरिया (2.846 एकड़ व 3,25,13,713 रुपये), मादापुर रैयती (3.022 एकड़ व 2,95,89,602 रुपये), कमतौल अनंत (1.519 एकड़ व 3,19,45,724 रुपये), मधुबन (4.554 एकड़ व 3,67,65,410 रुपये), माधोपुर मचिया (5.573 एकड़ व 2,69,68,093 रुपये), फतेहपुर कस्तूरी (0.600 एकड़ व 39,87,334 रुपये), विशुनपुर मंगर (1.013 एकड़ व 1,78,39,814 रुपये), मधुबनी (7.330 एकड़ व 9,96,69,592 रुपये), पताही रूप (5.33 एकड़ व 9,09,54,116 रुपये), चिकनौटा (8.235 एकड़ व 2,62,13,565 रुपये), पानापुर हवेली (0.799 एकड़ व 75,39,677 रुपये), मधुबन जगदीश उर्फ बझिला (7.669 एकड़ व 6,48,46,580 रुपये), पकोही खास (7.039 एकड़ व 12,30,89,719 रुपये), खबड़ा उर्फ किरमतपुर (0.879 एकड़ व 2,76,88,263 रुपये), शहबाजपुर (0.319 एकड़ व 47,44,426 रुपये), थूहवां (0.323 एकड़ व 17,18,101 रुपये), डुमरी (8.719 एकड़ व 19,33,33,919 रुपये), रायपुरा (3.967 एकड़ व 1,81,12,166 रुपये), सदातपुर (4.961 एकड़ व 11,04,53,857 रुपये), फकुली (1.329 एकड़ व 2,00,34,942 रुपये), ढोढी आनदंकर (0.492 एकड़ व 38,52,305 रुपये), माधोपुर कपूर (0.058 एकड़ व 4,53,665 रुपये) व चकवीर उर्फ मादापुर गौस (0.034 एकड़ व 2,98,419 रुपये)

इन गांवों को चार गुना मुआवजे का प्रस्ताव (रकवा व राशि)

रजला (1.673 एकड़ व 4,07,54,461 रुपये), मादापुर चौबे (5.23 एकड़ व 5,04,00,330 रुपये), मधौल (8.476 एकड़ व 22,36,32,125 रुपये), बथनाराम (4.225 एकड़ व 3,60,08,280 रुपये), बलिया (0.886 एकड़ व 3,37,53,232 रुपये), ढोढी लाला (0.492 एकड़ व 1,74,22,113 रुपये), दरियापुर कफेन (2.181 एकड़ व 6,00,29,980 रुपये), सकरी सरैया (3.163 एकड़ व 9,94,95,418 रुपये), तुर्की (2.397 एकड़ व 8,33,80,375 रुपये) व चंद्रहट्टी (2.227 एकड़ व 8,89,46,581 रुपये)।

कुल रकवा - 114.145 एकड़ व राशि एक अरब, 77 करोड़, 48 लाख दो हजार 210 रुपये 


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