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    पूर्वी चंपारण का डीपीओ तो अय्याश निकला, महिलाकर्मी को चैंबर में बुलाकर..., न ही जानें तो बेहतर

    By Ajit KumarEdited By:
    Updated: Sat, 20 Nov 2021 12:32 PM (IST)

    डीआरसीसी में कार्यरत महिलाकर्मी ने जिला योजना पदाधिकारी पर अमर्यादित व्यवहार करने तथा यौन उत्पीडऩ एवं महिलाओं की गरिमा के प्रतिकूल भाषा का प्रयोग करने ...और पढ़ें

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    निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय योजना विभाग पूर्णिया बनाया गया है। प्रतीकात्मक फोटो

    मोतिहारी, जासं। कहावत है, पावर और पैसा को पचा पाना हर किसी के वश में नहीं होता। पूर्वी चंपारण के सहायक योजना पदाधिकारी सह प्रभारी जिला योजना पदाधिकारी स्वामीनाथ मांझी भी उन्हीं में से निकले। जब उन्हें मौका मिला तो अपने मातहत काम करने वाली महिलाकर्मी के गलत व्यवहार किया। चैंबर में बुलाकर गंदा काम किया। महिलाओं की गरिमा के प्रतिकूल भाषा का प्रयोग किया। यह आरोप जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र की महिलाकर्मी ने लगाए गए थे। जो बाद में जांच के दौरान सही पाए गए। 

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    महिलाओं की गरिमा के प्रतिकूल काम

    महिला कर्मचारी के साथ अमर्यादित व्यवहार करना सहायक योजना पदाधिकारी सह प्रभारी जिला योजना पदाधिकारी स्वामीनाथ मांझी को भारी पड़ गया। विभाग ने उन्हें इस कृत्य के लिए निलंबित कर दिया है। साथ ही निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय क्षेत्रीय योजना कार्यालय पूर्णिया निर्धारित किया गया है। बताया गया कि डीआरसीसी में कार्यरत महिलाकर्मी ने जिला योजना पदाधिकारी पर अमर्यादित व्यवहार करने तथा यौन उत्पीडऩ एवं महिलाओं की गरिमा के प्रतिकूल भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से शिकायत की थी।

    निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय योजना विभाग पूर्णिया

    आरोपों की जांच जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने जिलास्तरीय आंतरिक शिकायत समिति से कराई थी। इस समिति में एडीएम आपदा अनिल कुमार, वरीय उपसमाहर्ता पूजा कुमारी, अमृता कुमारी, दीपशिखा समेत सात अधिकारी शामिल थे। जांच टीम में महिला कर्मी के आरोप को सत्य पाया था। जांच के आलोक में जिलाधिकारी ने तीन नवंबर को जांच प्रतिवेदन के साथ उक्त अधिकारी को निलंबित करने को लेकर विभाग को पत्र भेजा था। डीएम के पत्र पर बिहार सरकार के योजना व विकास विभाग के संयुक्त सचिव ने जिला योजना पदाधिकारी स्वामीनाथ मांझी को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय योजना विभाग पूर्णिया बनाया गया है। सरकारी नियम के अनुसार निलंबन अवधि में जीवन निर्वाहन भत्ता देने का भी आदेश दिया गया है। उक्त कार्रवाई को लेकर डीआरसीसी सहित पूरे कलेक्ट्रेट में हड़कंप मचा है।