Muzaffarpur News: सदर अस्पताल में लापरवाही की पराकाष्ठा, बिना प्रारंभिक जांच कराए चिकित्सक ने मरीज को लिख दी दवा
Muzaffarpur News मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में इलाज में लापरवाही के चलते दो डाक्टरों पर कार्रवाई हुई है। डिजिटल हेल्थ मिशन में गड़बड़ी पाई गई जिसमें बिना जांच के मरीजों को दवा लिखी गई। एक चिकित्सक से स्पष्टीकरण मांगा गया है जबकि दूसरे की दो वेतनवृद्धि पर रोक लगा दी गई है। दुष्कर्म पीड़िता की जांच में लापरवाही के मामले में भी एक महिला चिकित्सक पर कार्रवाई हुई है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। सदर अस्पताल में बिना मरीज की प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच कराए दवा लिख दी गई। राज्य मुख्यालय की ओर से की गई जांच के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप है। मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत भाव्या एप पोर्टल की राज्य स्तर पर हुई समीक्षा में यह गंभीर लापरवाही उजागर हुई।
सदर अस्पताल के मातृ-शिशु अस्पताल और माडल अस्पताल में इलाज में कोताही व रोस्टर के पालन में अनियमितता के मामलों को लेकर राज्य मुख्यालय ने निगरानी कड़ी कर दी है। इसी क्रम में दो चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। एक से स्पष्टीकरण मांगा गया, जबकि दूसरे की दो वार्षिक वेतनवृद्धियों पर रोक लगा दी गई है।
भाव्या एप पोर्टल की निगरानी में मिली गड़बड़ी
स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव उपेंद्र राम की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि मार्च में डा.चिन्मायम शर्मा ने मात्र तीन दिन चिकित्सकीय परामर्श दिया। इस दौरान उन्होंने बिना किसी प्रारंभिक जांच के मरीजों को दवा लिख दी। साथ ही भाव्या एप पोर्टल पर निर्धारित समय के भीतर आनलाइन एंट्री व डाटा अपलोड नहीं किया गया।
विभाग ने इसे गंभीर अनियमितता मानते हुए संबंधित चिकित्सक से तत्काल स्पष्टीकरण देने को कहा है। पत्र में यह भी उल्लेख है संबंधित चिकित्सक यह स्पष्ट करें कि क्यों न उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई शुरू की जाए। पत्र की एक प्रति सिविल सर्जन को भी आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी गई है। सिविल सर्जन डा.अजय कुमार ने बताया कि मुख्यालय ने संबंधित चिकित्सक को पत्र भेजा है।
लापरवाही पर महिला चिकित्सक की दो वेतनवृद्धि पर रोक
मुजफ्फरपुर : पिछले महीने एक दुष्कर्म पीड़िता की चिकित्सकीय जांच में लापरवाही के मामले में महिला चिकित्सक पर राज्य मुख्यालय ने कड़ी कार्रवाई की है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सदर अस्पताल में कार्यरत डा.मोनिका जायसवाल को 21 जून 2024 को मिठनपुरा थाना क्षेत्र की एक दुष्कर्म पीड़िता की जांच के लिए अधिकृत किया गया था।
उन्होंने जांच करने से इन्कार कर दिया। इसके बाद स्वास्थ्य प्रबंधक के निर्देश पर दूसरी महिला चिकित्सक से जांच कराई गई। समय पर रिपोर्ट न बनने से मामले में देरी हुई और पीड़िता को तत्काल न्याय व इलाज नहीं मिल सका। सरकार ने इसे बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2005 के तहत गंभीर लापरवाही की श्रेणी में रखते हुए डा.मोनिका की दो वर्ष की वार्षिक वेतनवृद्धि पर रोक लगा दी है।
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