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    Bihar News : सेना की एक-एक इंच जमीन बचाएगा रक्षा मंत्रालय, मुजफ्फरपुर सहित इन जिलों में सीमांकन के निर्देश

    Updated: Sun, 20 Jul 2025 12:24 PM (IST)

    Bihar News बिहार सरकार ने मुजफ्फरपुर समेत सात जिलों में सेना की जमीनों के दाखिल-खारिज और सीमांकन के आदेश दिए हैं। रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद राजस्व विभाग ने यह फैसला लिया है। मुजफ्फरपुर में सेना की 9.36 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण पाया गया है जिसे हटाने की कार्रवाई की जाएगी। अन्य जिलों में भी जमीन की पैमाइश और दाखिल-खारिज का काम तेजी से किया जा रहा है।

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    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।

    प्रेम शंकर मिश्रा, मुजफ्फरपुर। बिहार में सेना की सैकड़ों एकड़ जमीन या तो अतिक्रमित है या उसकी जानकारी नहीं है। रक्षा मंत्रालय की ओर से पूर्व में दी गई रिपोर्ट को सरकार ने गंभीरता से लिया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई बैठक में मुजफ्फरपुर, बिहटा, दरभंगा, गयाजी, गोपालगंज, रोहतास व कैमूर आदि जिले में रक्षा भूमि की दाखिल-खारिज कराए जाने से लेकर इसके सीमांकन के निर्देश दिए गए। इसके आलोक में रक्षा संपदा अधिकारी मो. अली ने इन जिलों के समाहर्ता एवं अन्य राजस्व पदाधिकारियों को पत्र भेजा है।

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    राजस्व विभाग की बैठक में यह बताया गया है कि एयर फोर्स स्टेशन बिहटा के लिए 142 एकड़ जमीन के दाखिल-खारिज के लिए आवेदन दे दिया गया है। उक्त भूमि की जमाबंदी रैयत के नाम से आनलाइन प्रदर्शित नहीं होने से यह लंबित है। इसके अलावा यहां रक्षा मंत्रालय की सात सौ एकड़ भूमि का दाखिल-खारिज किया जाना है।

    मुजफ्फरपुर में सेना की जमीन का सीमांकन कराया जाएगा। सेना की ओर से पूर्व में दी गई जानकारी के अनुसार यहां 9.36 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है। इसमें 4.48 एकड़ जमीन पर सरकारी विभाग और 4.88 एकड़ पर सिविलियन का कब्जा है।

    मुशहरी के सीओ से अमीन और प्रतिनिधि प्रतिनियुक्त कर रक्षा भूमि की पैमाइश कराने का अनुरोध किया गया है। दरभंगा में एयर फोर्स स्टेशन की जमीन के दाखिल-खारिज की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। आगे की कार्रवाई के लिए केवटी के सीओ को निर्देशित करने का अनुरोध किया गया।

    गयाजी में कैडस्ट्रल सर्वे के अनुसार जो जमीन भारत सरकार या कैसरे हिंद की है, उसे रक्षा मंत्रालय के नाम से कराने का निर्देश दिया गया है। गयाजी सदर, बोधगया, शेरघाटी, बाराचट्टी, डोभी, टेकारी, परैया के सीओ मिलकर इस जिम्मेदारी को पूरा करेंगे।

    वहीं, गोपालगंज के हथुआ में रक्षा भूमि की पैमाइश हो गई है। दाखिल-खारिज समेत अन्य कार्रवाई के लिए जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। रोहतास एवं कैमूर में भी भूमि की मापी हो गई है। दाखिल-खारिज के लिए अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है।

    आदेश के आलोक में रक्षा भूमि का सीमांकन कराया जाएगा। इसमें किसी तरह का अतिक्रमण पाया गया तो उसे हटाया भी जाएगा।

    महेंद्र शुक्ला, अंचलाधिकारी, मुशहरी

    कहां कितनी जमीन पर अतिक्रमण

    पूर्व में सेना की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर में सेना की 9.36 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है।गया में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को 344.39 एकड़ सेना की जमीन दिए जाने का रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। यहां 1052.150 एकड़ में से 1030.23 एकड़ जमीन ही सेना के पास है। 96.15 एकड़ को अलग करके वन विभाग का कब्जा बताया गया है। दानापुर कैंट एरिया में 0.314 एकड़ जमीन पर बीएसएनएल का कब्जा बताया गया है। मनेर में 0.227 में पीडब्ल्यूडी, कल्याण पदाधिकारी और धार्मिक स्थल है।

    हथुआ में 10.003 एकड़ में ग्रामीणों का कब्जा

    सासाराम में 10.06 एकड़ पर अतिक्रमण है। जिले के सरवन में 6.36 एकड़ पर बीएसईबी का कब्जा है। डेहरी आन सोन में 1.086 एकड़ पर बिहार पुलिस और सिविलियन का कब्जा है।

    जहानाबाद में 18.96 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है।

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