Muzaffarpur News : कार्रवाई की जद में एक और थानाध्यक्ष, कोर्ट ने दिया यह आदेश
Muzaffarpur News कुढ़नी में सड़क दुर्घटना में हुई सुरेश साह की मौत के मामले में मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हाने के मामले में मिठनपुरा थानाध्यक्ष पर न्यायालय ने 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। मृतक की पत्नी ने मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल में दावा दायर किया था जिसके बाद मुआवजे का आदेश दिया गया था।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News : जिले के थानेदारों का समय सही नहीं चल रहा। पहले काजीमोहम्मदपुर थानाध्यक्ष और अब मिठनपुरा थानेदार पर कार्रवाई का आदेश कोर्ट ने दिया है। कुढ़नी के मादापुर निवासी सुरेश साह की 10 वर्ष पूर्व सड़क हादसे में मौत मामले में मुआवजा राशि का भुगतान नहीं करने पर एचडीएफसी ईरगो जीआईसी के क्लब रोड शाखा की संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई नहीं करने पर मिठनपुरा थानाध्यक्ष जन्मेजय राय पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश-13 दशरथ मिश्रा के कोर्ट ने यह जुर्माना की कार्रवाई की है। जुर्माना की राशि बिहार पीड़ित प्रतिकर कोष में जमा कराया जाएगा। कुढ़नी मादापुर निवासी सुरेश साह की मौत 25 फरवरी 2015 को सड़क दुर्घटना में हुई थी। उनकी पत्नी चिंता देवी ने मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल में दावा वाद दाखिल किया था।
ट्रिब्यूनल ने 17 लाख 51 हजार 940 रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया। आदेश का पालन की सुनवाई जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश-13 के कोर्ट में चल रही है। ट्रिब्यूनल के आदेश का अनुपालन बीमा कंपनी ने नहीं किया।
इस पर कोर्ट ने 11 सितंबर 2023 को एचडीएफसी ईरगो जीआईसी के क्लब रोड शाखा की संपत्ति अटैच करने का आदेश मिठनपुरा थानाध्यक्ष को दिया, लेकिन मिठनपुरा थानाध्यक्ष ने अदालत के उक्त आदेश का अनुपालन नहीं कराया। इसी पर कोर्ट ने मिठनपुरा थानाध्यक्ष पर 10 हजार रुपया जुर्माना लगाया है। इस संबंध में एसएसपी को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी।
वहीं कुछ दिन पहले काजीमोहम्मदपुर थानाध्यक्ष को गिरफ्तार कर विशेष कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया था। आठ वर्ष पुराने मामले में प्रोग्रेस रिपोर्ट विशेष कोर्ट पाक्सो एक्ट संख्या-एक में जमा नहीं करने पर थानाध्यक्ष के विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट जारी किया गया था। जारी आदेश में डीएसपी पूर्वी को अगली सुनवाई की तिथि यानी आठ जुलाई को थानाध्यक्ष को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने की जिम्मेदारी दी गई है। बताया जा रहा है कि पूर्व में भी दो अलग-अलग पाक्सो एक्ट के आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं करने पर थानाध्यक्ष पर जुर्माना हुआ था।
कोर्ट की ओर से जारी आदेश में कहा कि पूर्व में थानाध्यक्ष पर पांच हजार रुपये जुर्माना की कार्रवाई की गई। इस मामले को निष्पादित करने के लिए वरीय पुलिस अधीक्षक को कहा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसमें देखा गया कि थानाध्यक्ष द्वारा जानबूझकर इस मामले की जांच में हुई प्रगति की रिपोर्ट दाखिल नहीं कर रहे हैं। इसे पूरी तरह से लापरवाही माना गया। कहा गया कि रिपोर्ट नहीं मिलने की वजह से केस को निष्पादित करने में कोर्ट को परेशानी हो रही है।
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