Bihar News: थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का फ्री में होगा बोन मैरो ट्रांसप्लांट, हो रही यह व्यवस्था
Bihar News मुजफ्फरपुर में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए एक अच्छी खबर है। अब उनका बोन मैरो ट्रांसप्लांट सरकारी खर्च पर होगा। एसकेएमसीएच में एक शिविर का आयोजन किया गया जिसमें 255 मरीजों के स्वकी जांच हुई। यह सुविधा उन बच्चों के लिए एक बड़ी राहत है जिन्हें बार-बार खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Bihar News: उत्तर बिहार के थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का सरकारी खर्च पर बोन मैरो ट्रांसप्लांट कराया जाएगा। इससे पीड़ित बच्चों को बार-बार खून चढ़ाने से मुक्ति मिलेगी। एसकेएमसीएच परिसर में बोन मैरो मैचिंग टेस्ट के लिए विशेष शिविर में 255 थैलेसीमिया मरीजों के स्वजन की जांच हुई। शिविर का शुभारंभ प्राचार्य डा.आभा रानी सिन्हा ने की। उन्होंने बोन मैरो मैचिंग टेस्ट की जानकारी दी।
शिशु रोग विभागाध्यक्ष डा.गोपाल शंकर सहनी ने कहा बोन मैरो ट्रांसप्लांट पर लाखों खर्च आता है। सरकार की सहयता से यह काम होगा तो प्रभावित मरीज को काफी लाभ मिलेगा। शिविर में 120 बच्चे आए। इसके लिए उनके साथ आए 255 स्वजन से नमूना लिया गया। विशेष रूप से थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के भाई-बहनों के मुंह का स्वाब लिया गया।
ये सैंपल तमिलनाडु के वेल्लोर भेजे जाएंगे, जहां लैब में उनका बोन मैरो मिलान (मैचिंग टेस्ट) किया जाएगा। यदि कोई सिबलिंग डोनर का बोन मैरो मरीज से मेल खाता है तो उस बच्चे को वेल्लोर भेजकर सरकारी खर्च पर बोन मैरो ट्रांसप्लांट कराया जाएगा। शिविर में मुजफ्फरपुर, मधुबनी व आसपास के जिले से बच्चे आए।
डा.सहनी ने कहा थैलेसीमिया एक गंभीर आनुवंशिक रक्त विकार है। रोगी को जीवनभर नियमित अंतराल पर खून चढ़ाने की जरूरत होती है। बोन मैरो ट्रांसप्लांट स्थायी समाधान हो सकता है। इसके लिए उपयुक्त डोनर की जरूरत होती है, जो सामान्यतः मरीज का भाई या बहन हो सकता है। टेस्ट से पता चलता है कि किसका बोन मैरो मरीज से मेल खाता है, जिससे सफल ट्रांसप्लांट संभव हो सके।
मौके पर प्रभारी अधीक्षक डा.सतीश कुमार सिंह, विशेषज्ञ चिकित्सक जेपी मंडल, पैथलाजी विभागाध्यक्ष डा.महेश प्रसाद, ब्लड बैंक के प्रभारी पदाधिकारी डा.दिलीप कुमार, थैलेसीमिया के नोडल पदाधिकारी डा.जीतेन्द्र महतो, डा.विमल चौधरी, सीएमसी वेल्लोर की टीम में डा.शेरोन अंबुमलार लायोनेल, टेक्नीशियन गोमती जोसेफ, अरिफा एसके नीलगंदन, दिनेश कुमार व डी.अमोस विक्की समेत शिशु विभाग के सभी चिकित्सक थे।
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