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    East Champaran: प्रतिबंध के बावजूद बाजारों में बिक रही थाई मांगूर, पर्यावरण के लिए खतरा है यह मछली

    By Murari KumarEdited By:
    Updated: Fri, 02 Apr 2021 05:06 PM (IST)

    Easat Champaran News भारत में 10 साल से इस मछली की बिक्री पर है प्रतिबंध। पूरी दूनिया में त्रासदी का रूप ले सकती है यह मछली। इस मछली के सेवन से विभिन्न प्रकार के गंभीर रोगों के होने की रहती है संभावना। इस मछली में पाया जाता है हेवी मेटल।

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    रक्सौल के रामगढ़वा में मछली बाजार मे बिक रही प्रतिबंधित थाई मांगूर मछली

    रक्सौल (पूचं) [नूतनचंद्र त्रिवेदी]। प्रशासनिक उदासीनता व निष्क्रियता के कारण इन दिनों प्रतिबंध के बावजूद बाजारों मे थाई मांगूर मछली की बिक्री परवान पर है। देश में इस मछली की बिक्री पर लगभग 10 साल पूर्व प्रतिबंध लगा दिया गया है। बावजूद इसकी बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है। इसके सेवन से होने वाले गंभीर रोगों से लोग अनजान हैं।  जानकारों की मानें, तो यह हाई ब्रिड मछली है। यह काले रंग की मांसाहारी मछली होती है।अपनी प्रजाति के छोटे सहित अन्य प्रजाति की मछलियों व जलीय वनस्पतियों को खा जाती है। सड़े-गले मांस इसका आहार होते हैं। इससे जल प्रदूषित हो जाती है। यह पर्यावरण के लिए खतरा है। इस मछली में हेवी मेटल पाया जाता है।अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न ताल- तालाबों मे इसका पालन किया जा रहा है। यह मछली कम समय में बड़ी साईज की हो जाती है।

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    लेकिन संबंधित विभाग इससे बेखबर है।जबकि देशी मांगूर मछली से इको सिस्टम संतुलित रहता है। देशी मांगूर 3 से 6 सौ रूपए तक प्रति किलोग्राम बिकती है।जबकि थाई मांगूर बड़ी साईज होने के बावजूद लगभग डेढ सौ रुपए तक ही प्रति किलोग्राम बिकती है। बड़ी साईज व कम दाम होने के कारण लोग इसे खरीदते है। पूरी दूनिया में यह मछली त्रासदी का रूप लेने वाली है।अगर इसका पालन व बिक्री जारी रहा, तो वह दिन दूर नहीं जब लोग गंभीर रोगों से ग्रसित होकर अकाल मौत के गाल में समा जाएंगे।

    इन रोगों के होने की रहती प्रबल संभावना

    इस मछली के सेवन से लोग विभिन्न प्रकार के गंभीर रोगों से ग्रसित हो सकते हैं।जानकारी के अनुसार ह्रदयरोग, डायबिटीज,आर्थराइटिस के अलावा कैंसर जैसा गंभीर रोग होने का खतरा बना रहता है।

    इस बारे में मोतिहारी के जिला मत्स्य पदाधिकारी सनत कुमार सिंह ने कहा क‍ि यह मछली मांसाहारी मछली है। इसके पालन से इको सिस्टम को खतरा है। इसका बिक्री करने वालों पर एक्ट के प्रावधानों के तहत 6 महीने का जेल व 5 सौ रुपए जुर्माने का प्रावधान है।