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    Bihar News: कुछ भी नहीं बदला...एकदम सेम टू सेम, सरकारी स्कूल में जाे सजा पुरखों ने झेली, वही बच्चों को भी

    By Ajit KumarEdited By:
    Updated: Wed, 07 Sep 2022 11:40 AM (IST)

    Teachers Day Donation बिहार के पश्चिम चंपारण स्थित नरकटियागंज से जुड़ा हुआ है मामला। करीब दो दर्जन बच्चों काे एक साथ दी गई सजा। इससे आहत होकर थाने पहुंचे छात्रों ने शिक्षक के व्यवहार को लेकर शिकायत की।

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    दंड पाने वाले सभी बच्चे नौवीं कक्षा के हैं। प्रतीकात्मक फोटो

    नरकटियागंज(पश्चिम चंपारण), जासं। यदि आपलोग पढ़ाई पूरी कर चुके हैं तो बिहार के सरकारी स्कूलों का यह रवैया पुराने दिनों की याद दिला सकता है। यदि अभी पढ़ रहे हैं तो परेशान कर सकता है। शिक्षा से तमाम तरह के बदलाव के बाद भी सरकारी स्कूल के शिक्षकों का रवैया और छात्रों को दंडित करने का अंदाज वही पुराना है। हालांकि बच्चे अब जरूर होशियार हो गए हैं। जब उन्हें दंडित किया गया तो वे पहले के बच्चों की तरह बैठकर रोने के सीधे थाने पहुंच गए और पुलिस से शिक्षकों की शिकायत लगा दी। यह पूरा मामला है बिहार के पश्चिम चंपारण स्थित नरकटियागंज का। पूरा विवाद स्कूल में आयोजित शिक्षक दिवस समारोह के लिए चंदा नहीं देने से जुड़ा हुआ है।

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    प्रार्थना सभा से ही निकाल दिया

    स्कूल की प्रार्थना सभा से निकाले जाने से नाराज छात्र मंगलावर को शिकारपुर थाना पहुंच गए और शिक्षको की शिकायत की। छात्रों ने बताया कि वे उच्चतर माध्यमिक प्लस टू स्कूल में प्रार्थना सभा के लिए खड़े थे। इसी बीच एक शिक्षक द्वारा लगभग दो दर्जन से अधिक छात्रों को स्कूल से बाहर निकाल दिया गया। इससे नाराज छात्र शिकारपुर थाना पहुंच गए। सभी छात्र वर्ग 9 के थे। उनका कहना है कि स्कूल में आयोजित शिक्षक दिवस के लिए सभी छात्रों से 50 रुपये की मांग की गई थी। वे शिक्षक दिवस के रुपये नहीं दिए और शिक्षक दिवस समारोह में भी भाग नहीं लिए। मंगलवार को जब वे स्कूल के प्रार्थना सभा मे खड़े थे। तो एक शिक्षक आए उन्हें स्कूल से बाहर निकाल दिया।

    अब भी मांगे जा रहे रुपये

    उन्होंने बताया कि एक शिक्षक की सेवानिवृति पर मांगे गए रुपये आज तक वसूल किए जा रहे हैं। छात्रों की बात सुन एएसआई आलोक राय ने छात्रों को समझाकर उन्हें घर भेज दिया। स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक डा. अरविंद तिवारी ने बताया कि छात्रों का आरोप बेबुनियाद है। ड्रेस कोड में नहीं रहने के कारण उन्हें स्कूल से बाहर किया गया है।