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    Navruna Murder case: चार्जशीट दाखिल करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को दी दो माह की मोहलत

    By DharmendraEdited By:
    Updated: Wed, 28 Oct 2020 11:59 AM (IST)

    Navruna Murder case आरोपितों के विरुद्ध सीबीआइ चार सप्ताह के अंदर दाखिल कर सकती चार्जशीट किन आरोपितों पर होगी चार्जशीट यह पता नहीं चार्जशीट दाखिल करने ...और पढ़ें

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    मुजफ्फरपुर की नवरूणा फाइल फोटो। (jagran archive)

    मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नवरूणा मामले में सीबीआइ जल्द से जल्द मुजफ्फरपुर के विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करेगी।  सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को चार्जशीट दाखिल करने के लिए दो माह की समय दे दी है। सीबीआइ की अर्जी की सुनवाई पूरी करने के बाद मंगलवार को न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी व न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने यह आदेश पारित किया है। यह अवधि  27 दिसंबर तक पूरी हो रही है। सीबीआइ चार सप्ताह के अंदर विशेष सीबीआइ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर सकती है। संभावना है कि चुनाव बाद यह चार्जशीट दाखिल हो।

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    सीबीआइ ने सितंबर में ही यह अर्जी दाखिल की थी। इस अर्जी में उसने अंतिम प्रपत्र दाखिल करने के लिए दो माह की मोहलत मांंगी थी। मंगलवार इस अर्जी की भले ही सुनवाई पूरी हो लेकिन चार्जशीट दाखिल करने की सीबीआइ की तैयारी पहले से ही चल रही है। नवरुण के पिता अतुल्य चक्रवर्ती ने अपने अधिवक्ता से मिली जानकारी के हवाले से बताया कि सीबीआइ स्वयं चार सप्ताह के अंदर ही चार्जशीट दाखिल करने की बात सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कही है। 

    लंबी जांच के बाद अब सभी की निगाहें सीबीआइ की चार्जशीट पर 

    लगभग छह साल की लंबी जांच व सुप्रीम कोर्ट से सीबीआइ को जांच पूरी करने को लेकर 10 डेडलाइन मिली थी। लगतार मिल रही डेडलाइन से लोगों में निराशा होने लगी थी। सितंबर में सीबीआइ की अर्जी कुछ अलग थी। पहली बार सीबीआइ ने जांच पूरी होने व अंतिम प्रपत्र दाखिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से दो माह की मोहलत मांगी थी। हालांकि अंतिम प्रपत्र को लेकर कुछ शंका भी थी, लेकिन मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने मामले को पूरी तरह स्पष्ट कर दिया कि आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल होने जा रही है। सभी की निगाहें सीबीआइ की चार्जशीट पर है। इसमें कौन आरोपित हो सकते हैं। हालांकि इसका पता तो चार्जशीट दाखिल होने के बाद ही चलेगा।

    सीबीआइ ने इस मामले में दो बार मे सात संदिग्ध आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इसमें वार्ड पार्षद राकेश कुमार सिन्हा पप्पू , जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष तीन कोठिया निवासी शाह आलम शब्बू, बेला रोड के विक्रांत कुमार शुक्ला उर्फ विक्कू शुक्ला, शिवाराम होटल के मालिक अभय गुप्ता, सूतापट्टी शीतलागली के ब्रजेश ङ्क्षसह, दु्र्गास्थान रोड मोतीपुर के विमल अग्रवाल , अंडीगोला रघुवंश रोड के राकेश कुमार शामिल है। इन सभी के खिलाफ निर्धारित 90 दिनों के अंदर सीबीआइ तब चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी। इसके कारण सभी संदिग्ध आरोपितों को जमानत मिल गई। 

      क्या है मामला 

    18 सितंबर 2012 की रात जवाहरलाल रोड स्थित घर से सोई अवस्था में नाबालिग नवरूणा को अगवा कर लिया गया।  26 नवंबर 2012 को उसके घर के सामने नाला से मानव  कंकाल मिला । डीएनए जांच में यह नवरुणा का साबित हुआ। पुलिस जांच में नतीजा सामने नहीं आने पर  12 जनवरी 2013 को मामले केा सीआइडी को सौंपा गया। सीआइडी भी नतीजा पर नहीं पहुंची तो मामला सीबीआइ को सोंपी गई। 14 फरवरी 2014 को सीबीआइ मामले की जांच कर रही है। जांच को लेकर अब तक सीबीआइ  पांच अधिकारी बदल चुके हैं। वर्तमान में सीबीआ के डीएसपी अजय कुमार जांच अधिकारी हैं। 

    नवरुणा के पिता ने कहा देरी से परिवार बर्बाद हो गया

    नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती ने कहा कि चार्जशीट दाखिल किए जाने की अवधि निर्धारित होने से सकून मिला है। वे चार्जशीट दाखिल किए जाने के दिन का इंतजार कर रहे हैं। बस सीबीआइ ने जांच में बहुत देरी कर दी। इससे उनका परिवार बर्बाद हो गया।

    अभिषेक के अवमाननावाद ने सीबीआइ को पहुंचाया चार्जशीट तक 

    नवरुणा मामले की सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई लडऩे वाले दिल्ली विवि में तब के कानून के छात्र  अभिषेक रंजन ने 2016 में सुप्रीम कोर्ट में सीबीआइ के खिलाफ अवमामनावाद दायर किया था। इसमें  कहा गया था कि सीबीआइ सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश की अवहेलना कर रही है जिसमें उसे जल्द से जल्द  जांच पूरी करने को कहा गया था। अवमाननावाद की सुनवाई करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को जांच पूरी करने के लिए तब छह माह की डेडलाइनर तय की। यह डेडलाइन अब तक 11 बार बढ़ाई जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने सतत मॉनेटङ्क्षरग ने आखिर सीबीआइ को चार्जशीट तक पहुंचा दिया।