चंपारण के बंद चीनी मिलों के मुद्दे का निराकरण करने में जुटे गन्ना उद्योग मंत्री, जानिए क्या है योजना
मोतिहारी व चकिया में बंद चीनी मिल की भरपाई के लिए दोनों के बीच पकड़ीदयाल में चीनी मिल खोलने की तैयारी। इन चीनी मिलें निजी हाथों में होने की वजह से इसके खोलने में सरकार की भूमिका कम होने के कारण इसका विकल्प तैयार किया जा रहा है।

पूर्वी चंपारण, जागरण संवाददाता। लगभग हर चुनाव में विरोधियों की ओर से चम्पारण के बंद चीनी मिल के मुद्दे के निराकरण की दिशा में जिले के एकमात्र गन्ना उद्योग व विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने कदम बढ़ा दिया है। मोतिहारी व चकिया में बंद चीनी मिल की भरपाई के लिए दोनों के बीच पकड़ीदयाल में चीनी मिल खोलने की तैयारी शुरू करा दी है। मोतिहारी और चकिया की चीनी मिलें निजी हाथों में होने की वजह से इसके खोलने में सरकार की भूमिका कम होने के कारण इसका विकल्प तैयार किया जा रहा है। यहां बता दें 2014 के चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा चीनी मिल में बनी चीनी से चाय पीने के कथित बयान पर विरोधी उसके बाद से लगातार एनडीए खासकर भाजपा को निशाने पर लेकर चुटकी लेते रहते हैं।
गन्ना मंत्री बनने के बाद पहली बैठक में ही प्रमोद कुमार ने गन्ना मूल्य में बढोतरी कर राज्य के किसानों को बड़ी राहत दे चुके हैं। अब उनका अगला कदम यहां नई चीनी मिल की स्थापना करने की है। इसके लिए जमीन की तलाश भी शुरू कर दी गई है। इसको लेकर मंत्री श्री कुमार जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक के साथ राधा कृष्ण भवन में गन्ना विभाग व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक भी कर चुके हैं। मंत्री ने कि गन्ना उत्पादन खासकर चीनी के लिए होता है लेकिन आजकल गुड़ की महत्ता बहुत बढ़ गई है। इसलिए गन्ना से तकनीकी रूप से गुड़ की उत्पादन कैसे हो इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। गन्ना से विभिन्न वेरायटी का गुड़ का उत्पादन किया जाय तो किसानों के आय में वृद्धि हो सकती है।
गन्ना उद्योग विभाग के वैज्ञानिकों को किसानों के बीच गन्ना से गुड़ बनाने के तकनीक की जानकारी देने पर बल दिया गया। मंत्री ने बताया कि सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृतसंकल्पित है। गन्ना से चीनी के साथ साथ गुड़ निर्माण पर जोड़ दिया जा रहा है। पकड़ीदयाल में चीनी मिल स्थापित करने के लिए जहां जमीन की तलाश की जा रही है, वहीं गुड़ प्रोसेसिंग प्लांट खोलने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा और प्लांट खोलने वाले किसानों को सरकार से पचास फीसद अनुदान भी दिया जाएगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।