मातृ मृत्यु रोकथाम के लिए एमडीएसआर प्रक्रिया सख्ती से लागू, इसकी सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दी जाएगी
मुजफ्फरपुर में मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एमडीएसआर को सख्ती से लागू किया है। अब हर मातृ मृत्यु की सूचना तुरंत देनी होगी और मामले की विस्तृत समीक्षा की जाएगी। पोर्टल पर सूचना डालना अनिवार्य है और 24 घंटे डिलीवरी सेवाएं उपलब्ध हैं। जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है ताकि मातृ मृत्यु दर को कम किया जा सके।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जिले में मातृ मृत्यु की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मातृ मृत्यु निगरानी व प्रतिक्रिया (एमडीएसआर) को सख्ती से लागू कर दिया है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इसका उद्देश्य मातृ मृत्यु के कारणों की सही पहचान कर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना है।
अब हर मातृ मृत्यु की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दी जाएगी और इसकी विस्तृत समीक्षा कर कार्रवाई की जाएगी। प्रक्रिया के तहत सबसे पहले मृत्यु की सूचना आरसीएच पोर्टल, एमसीटीएस पोर्टल व एमडीआर एप्लीकेशन में दर्ज करनी अनिवार्य है।
जानकारी मिलने के बाद समुदाय व स्वास्थ्य सुविधा स्तर पर निगरानी की जाएगी। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा.एसके पांडेय ने बताया समुदाय-आधारित एमडीएसआर में मौखिक शव परीक्षण फार्म से मौत के कारणों की जांच होगी, जबकि सुविधा-आधारित समीक्षा में नोडल अधिकारी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर एफबीएमडीआर समिति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
समिति मौत के कारणों व योगदान कारकों की गोपनीय समीक्षा कर आवश्यक सुझाव देगी। इन समीक्षाओं का मुख्य उद्देश्य मातृ मृत्यु के चिकित्सीय, व्यक्तिगत व सामाजिक कारणों को उजागर करना है।
इससे स्वास्थ्य प्रणाली की कमजोरियों की पहचान कर उनमें सुधार किया जाता है। बताया कि इन कदमों से भविष्य में मातृ मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जा सकेगा।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक रेहान अशरफ ने बताया नई व्यवस्था के तहत पोर्टल पर सूचना डालना अनिवार्य किया गया है। मातृ-शिशु मृत्यु दर रोकने के लिए पीएचसी व एपीएचसी में 24 घंटे सातों दिन डिलीवरी सेवाएं चालू की गई हैं।
उच्च जोखिम वाली गर्भवती की पहचान के लिए विशेष अभियान चल रहा है। 102 एंबुलेंस सेवा को और सक्रिय किया गया है ताकि समय पर गर्भवती को अस्पताल पहुंचाया जा सके। इन कदमों से मातृ मृत्यु दर में कमी आएगी और स्वास्थ्य सेवाएं अधिक प्रभावी होंगी। हर सप्ताह इसकी समीक्षा होगी।
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