लीची जैसे एक और फल का जल्द ही ले सकेंगे स्वाद, लौंगन अगले सप्ताह से बाजार में होगा उपलब्ध
Muzaffarpur News लौंगन लीची की तरह का एक विशेष फल है। इसमें अप्रैल में फूल लगता है और जुलाई के अंत तक फल पक जाता है। इसकी विशेषता यह है कि अगस्त के पहले सप्ताह तक यह उपलब्ध होता है। लीची खत्म होने के बाद बाजार में आने से लीची को पसंद करने वालों को कुछ दिन के लिए उसके जैसे फल का स्वाद लेने का अवसर मिल जाता है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News : राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र परिसर में लौंगन के पेड़ फल से लद गए हैं। एक सप्ताह बाद यह फल बाजार में उपलब्ध होगा। अनुसंधान केंद्र में पौधों की नियमित देखभाल की जा रही है। केंद्र के निदेशक डा. विकास दास ने बताया कि अब किसान भी अपने बागों में लौंगन के पेड़ लगाने लगे हैं।
लौंगन लीची की तरह का एक फल है, जिसमें अप्रैल में फूल लगते हैं और जुलाई के अंत तक फल पक जाते हैं। अगस्त के पहले सप्ताह तक इसका सीजन समाप्त हो जाता है। लीची का मौसम खत्म होने के बाद यह फल बाजार में आता है।
डा. दास ने बताया कि व्यापारियों की ओर से सीधे बाग से खरीद की जाती है। अनुसंधान केंद्र के मुख्य गेट पर स्टाल लगाकर इसकी बिक्री की जाती है। हालांकि, इस वर्ष का मूल्य अब तक तय नहीं किया गया है। बाग बेचने की प्रक्रिया जारी है।
केंद्र से बिहार सहित अन्य राज्यों के लीची उत्पादक किसान लौंगन के पौधे ले जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भी दस पौधे भेजे गए हैं। किसान नियमित रूप से केंद्र पर आकर लौंगन के बागीचों का निरीक्षण कर रहे हैं। डा. दास ने बताया कि लौंगन थाईलैंड और वियतनाम का प्रसिद्ध फल है। इसे शोध कार्य के लिए राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र में लाया गया था।
इसके जर्मप्लाज्म बंगाल के 24 परगना जिले से मंगाए गए थे। अनुसंधान के बाद अब इसे किसानों के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। किसानों को लौंगन की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस सप्ताह फल बाजार में खाने के लिए उपलब्ध होंगे।
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