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    मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार के सभी जिलों में तापमान में गिरावट के साथ गुलाबी ठंड

    By Dharmendra Kumar SinghEdited By:
    Updated: Sat, 05 Nov 2022 07:24 AM (IST)

    Muzaffarpur News सुबह कुहासा दिन में धूप शाम ढलते ही हल्की ठंड शुरू। अगले पांच दिन तक मौसम शुष्क रहेगा बारी-बारी से चलेगी पूरवा- व पछिया हवा। चिकित्सकों का कहना है कि यह मौसम सेहत के लिए यह बेहद खतरनाक है ।

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    मुजफ्फरपुर में बदला मौसम का मिजाज। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। उत्‍तर बिहार के लगभग सभी जिलों में सुबह से धूप खिली है। अभी दोरस मौसम चल रहा है। सुबह में कुहासा, दिन में धूप व शाम ढलने के साथ ही गुलाबी ठंड का एहसास हो रहा है। शुक्रवार को आसामन साफ रहा। दिन में धूप खिली रही, लेकिन तापमान में नरमी रही। अधिकतम तापमान 31.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 0.9 डिग्री अधिक है। वहीं न्यूनतम तापमान 16.1 डिग्री सेल्सियस रहा, यह सामान्य से 0.8 डिग्री कम है। डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा ने नौ नवंबर तक के लिए पूर्वानुमान जारी किया है। पूर्वानुमान की अवधि में उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल छाए रह सकते हैं। इस दौरान मौसम शुष्क रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान 29 से 31 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 15 से 17 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। छह से आठ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पुरवा हवा चलेगी। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 65 से 75 प्रतिशत तथा दोपहर में 40 से 50 प्रतिशत रहने की संभावना है।

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    गुलाबी ठंड सेहत के लिए खतरनाक

    मौसम बदल रहा है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में फेरबदल जारी है। दिन भर जहां गर्मी महसूस हो रही, शाम ढलते ही गुलाबी ठंड लग रही है। इसके चलते बच्चे और बूढ़े मौसमी बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं।

    कुछ लोग इसे सुहाना मौसम भी कहते हैं, मगर चिकित्सकों की मानें तो यही मौसम सेहत के लिए ज्यादा खतरनाक होता है। शरीर की बीमारियों से सुरक्षा के प्रति ज्यादा गंभीर व सतर्क रहने की जरूरत है। खासकर सुबह व शाम में तो ज्यादा सतर्कता बरतनी चाहिए। मौसम में तेजी से परिवर्तन के दौरान बीमारी फैलाने वाले तत्व शरीर में ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। खासकर, बुजुर्गो व बच्चों पर विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है। साथ ही सभी को मौसम के कुप्रभाव से बचना चाहिए। इससे शरीर सुरक्षित रहने के साथ पैसे की भी बचत होगी। खासकर इस गुलाबी ठंड में सर्दी, खांसी, बुखार, डायरिया, उल्टी, बदन दर्द व सिर दर्द, इंफ्लुएंजा, चर्म रोग आदि बीमारी स्वस्थ शरीर को भी अस्वस्थ बना सकती है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरनाटांड़ में भी इस समस्या से पीड़ित मरीज अधिकतर संख्या में पहुंच रहे हैं।

    दमा व कोल्ड एलर्जी के मरीज बरतें विशेष सावधानी

    पीएचसी हरनाटांड़ के चिकित्सक डॉ. राजेश कुमार सिंह नीरज का कहना है कि मौसम में हो रहे बदलाव का असर शहर की अपेक्षा गांवों में अधिक हो रहा है। सुबह और शाम ठंड का अहसास अधिक हो रहा है। अभी मौसम में काफी तेजी से बदलाव हो रहा है। इस समय सबसे अधिक बूढ़े और बच्चों को खतरा रहता है। ऐसे में बच्चों को गर्म कपड़ा पहनाए और धूप निकलने के बाद ही इन्हें घर से बाहर निकलने दें। इस मौसम में दमा व कोल्ड एलर्जी के मरीजों को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसे समय में इन बीमारियों का प्रभाव ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए इससे प्रभावित होने वाले मरीजों को चाहिए कि वे अपनी जीवनशैली को संयमित रखें। ठंड से बचने की कोशिश करें। यह नहीं समझे कि अभी उतनी ठंड नहीं आई है। दूसरे लोग हाफ शर्ट पहनकर घूम रहे हैं तो हम क्यों नहीं। प्रत्येक मनुष्य के शरीर की संरचना अलग-अलग है। इसलिए परहेज सबसे बड़ा इलाज है। संतुलित भोजन, संयमित आचार-व्यवहार से भी इन बीमारियों से बचा जा सकता है। शरीर के अंगों को खुला नहीं रखें। देर रात तक नहीं जगे। नियमित व्यायाम करें। समय पर ताजा और गरम भोजन करें ठंडे पानी और कूलर से बचें।