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    SKMCH में ब्रांडेड दवाओं का खेल, मरीज परेशान, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव बेलगाम

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 03:59 AM (IST)

    मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में डॉक्टरों द्वारा ब्रांडेड दवाएं लिखने से मरीज परेशान हैं। स्वास्थ्य मुख्यालय के आदेश के बावजूद, मरीजों को दवाएं खरीदने के लिए कई दुकानों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। एसकेएमसीएच प्रशासन ब्रांडेड दवाओं पर रोक लगाने में विफल रहा है। अस्पताल में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव खुलेआम दवाओं का प्रमोशन कर रहे हैं, जबकि सरकार ने इस पर रोक लगा रखी है।

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    SKMCH में ब्रांडेड दवाओं का खेल


    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। स्वास्थ्य मुख्यालय के आदेश के बावजूद एसकेएमसीएच के चिकित्सक मरीजों को ब्रांडेड दवा लिख रहे हैं। ब्रांडेड दवा खरीदने को मजबूर मरीजों को अनेको दुकानों का चक्कर लगाना पड़ रहा है। कभी-कभी दवा नही मिलने पर मरीज दोबारा दवा चिकित्सक से लिखवाने को मजबूर बताए जा रहे हैं। 

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    पूरे मामले के बाद भी एसकेएमसीएच प्रशासन चिकित्सकों के ब्रांडेड दवा पर रोक लगाने से दूर है। औराई के महेशवारा के सुभद्रा देवी बताते हैं कि दो-तीन दिनों से पेट के जोड़ो से दर्द है। चिकित्सक से दिखाए। पांच दवा लिखे। तीन एसकेएमसीएच से मिल गया। दो दवा लेने निजी दवा दुकान गए, हालांकि वहां मिल गई। 

    टेंगरारी के सकल सहनी ने बताया कि मुंह और शरीर मे सूजन हो गया। सिर मे चक्कर है। यहां चिकित्सक से दिखाने आए थे। वह दवा लिखे। दवा नही मिलने पर निजी दवा दुकान गए, वहां भी नही मिला। फिर चिकित्सक के पास गए तो उन्होंने दवा बदल दी। साथ मे एक आदमी को लगा दिया, जो निजी दवा दुकान से दवा दिलवा दिया। 

    ओलीपुर के महेश साह कहता है कि यहां पांच दवा चिकित्सक लिखते है, लेकिन उसमें दो दवा निजी दवा दुकान से ही लेनी पड़ती है। वह भी निर्धारित दुकान मे ही मिलती है। आई ड्राप महंगा रहता है।

    खुलेआम एसकेएमसीएच का प्रमोशन कर रहे मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव 

    सरकार के जारी संकल्प मे अस्पताल में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के प्रवेश पूरी तरह बंद है। साथ ही किसी चिकित्सक या कर्मी के पास या उनके कक्ष में एमआर अगर दवा का प्रमोशन करते पाए जाते हैं तो संबंधित चिकित्सको और कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश है। 

    इसके बावजूद एसकेएमसीएच के आई, ईएनटी समेत अन्य ओपीडी में खुलेआम एमआर दवाओं का प्रमोशन कर रहे। जबकि सरकार के जारी संकल्प में दवा कंपनियों के एमआर अपने उत्पादों के प्रमोशन के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों व अस्पतालों में रोक लगाया जा चुका है। 

    एमआर पर रोक लगाने के लिए अस्पतालों के अधीक्षक, उपाधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और अस्पताल प्रबंधक की यह जिम्मेदारी सौंपी गयी थी, लेकिन अनुपालन नहीं हो रहा है।

    मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के प्रवेश पर रोक लगाने का सख्त निर्देश ओपीडी और अस्पताल में बहाल सुरक्षाकर्मियों को दिया जा चुका है। शिकायत मिलने पर आई और ईएनटी विभागाध्यक्षों को सख्त चेतावनी प्राचार्य सह अधीक्षक स्तर से दी गई थी। अस्पताल प्रबंधक से नियमित रिपोर्ट लेकर एमआर विजिट वाले ओपीडी को चिन्हित करते हुए संबंधित चिकित्सक पर कार्रवाई के लिए प्राचार्य सह अधीक्षक को रिपोर्ट की जाएगी। -डॉ. सतीश कुमार सिंह, उपाधीक्षक, एसकेएमसीएच