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    Muzaffarpur : 24 घंटे में वायरल फीवर से छह बच्चों की मौत, चिकित्सकों की विशेष सलाह

    By Keshav Kumar Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Fri, 24 Oct 2025 10:00 PM (IST)

    एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल की पीआइसीयू और एनआइसीयू फुल, आधा दर्जन बच्चे गंभीर, पिछले दो दिनों में भर्ती किए गए 80 बच्चे, एक बेड पर दो-दो बच्चों को रखकर किया जा रहा है इलाज, चिकित्सकों की सलाह, आसपास के वातावरण को साफ और स्वच्छ रखें, बीमार लोगों से दूर रखें।

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    वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ने के बाद एसकेएमसीएच में इलाजरत बच्चे व मौजूद स्वजन। जागरण

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर । मौसम में बदलाव के बाद वायरल फीवर बच्चों पर कहर बरपा रहा है। यह अब जानलेवा भी बन गया है। पिछले 24 घंटे में वायरल फीवर से पीड़ित विभिन्न जगहों के छह बच्चों की मौत हो गई। वहीं 80 बच्चों को भर्ती किया गया है। इनमें से आधा दर्जन की हालत गंभीर है। उन्हें वेटिलेटर पर रखा गया है। पिछले दो दिनो मे बढ़ी बीमार बच्चों की संख्या से एसकेएमसीएच का पीआइसीयू और एनआइसीयू फुल हो गया है।

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    ओपीडी में बच्चों के साथ उनके स्वजन की लंबी कतारे लग रही हैं। नौबत यह है कि पीआइसीयू और एनआइसीयू वार्ड मे एक बेड पर दो-दो बच्चे को भर्ती करके चिकित्सक इलाज कर रहे हैं। वहीं सदर अस्पताल मे आठ भर्ती किए गए है। ओपीडी मे साठ बच्चों का इलाज किया गया है। केजरीवाल भी बीमार बच्चों से भड़ा पड़ा है। यहां के चिकित्सक बताते हैं कि वेंटिलेटर खाली नहीं रहने के कारण गहन चिकित्सीय इलाज के लिए गंभीर हालत वाले बच्चों को एसकेएमसीएच रेफर किया जा रहा है।
    एसकेएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. राजेश कुमार बताते हैं कि मौसम मे आए परिवर्तन को लेकर वायरल फीवर के साथ ही बच्चे ब्रोनोक्लाइटिस के साथ निमोनिया की चपेट में आ रहे हैं। निमोनिया वायरल और बैक्टेरियल दोनो कारणो से होता है। इसके कारण इलाज को बच्चों अनेक बच्चों की हालत गंभीर है। इसके साथ ही बच्चे रोटावायरस, एडिनो वायरस और पारा इल्फुलंजा के शिकार हो रहे हैं। इसके कारण बच्चों मे पेट दर्द, कफ, बुखार देखने को मिल रहा है।

    मौसम मे उतार-चढ़ाव और प्रदुषण बच्चों को कर रहा बीमार 

    केजरीवाल के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. राजीव कुमार का कहना है कि मौसम में उतार-चढ़ाव और प्रदूषण बच्चों को बीमार कर रहा है। यह दोनों कारण से बीमार बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है। बड़े के अपेक्षा बच्चों की इम्युनिटी क्षमता कमजोर होती है। इसलिए खास तौर पर कोई बीमारी बच्चों पर जल्दी अटैक कर रही है। बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता के वजह से जानलेवा होता है। दवा का डोज देने के बाद भी बच्चो के सेहत मे सुधार होने मे ज्यादा समय लग रहा। कभी-कभी बच्चों के स्थिति को देख दवा की डोज बढ़ाना भी पर रहा है। इन दिनों वायरल फीवर के साथ ही प्रदूषित जल व भोजन के साथ ही मच्छर जनित रोग से भी बच्चे बीमार हो रहे हैं।

    बचाव ही उपाय, टीकाकरण जरूरी 

    - चिकित्सक कहते हैं कि बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए बचाव के साथ ही टीकाकरण बेहद जरूरी है। बच्चों को टायफायड, जोंडिस, हेपेटाइटिस बी, हिमोफाइलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी, रोटावायरस वैक्सीन वेरिसेला, पर्टुसिस जैसे टीके से कई बीमारियों से बचाया जा सकता है। टीकाकरण न केवल आपके बच्चे की, बल्कि समुदाय के कमजोर सदस्यों की भी सुरक्षा करता है। टीके, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करके बीमारी को रोकने में मदद करते हैं। इसे सही उम्र में और सही खुराक में लगवाना जरूरी है।
    - स्वच्छता और साफ-सफाई बेहत जरूरी है। यह कई संक्रमणों को रोकने में मदद करता है।
    - बच्चे को संतुलित और पौष्टिक आहार दें, जो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगी।
    - बच्चों के आसपास के वातावरण को साफ और स्वच्छ रखें। बीमार लोगों से बच्चों को दूर रखें।
    - चिकित्सक से नियमित रूप से जांच करवाएं और उनकी सलाह का पालन करें।