SIR: मुजफ्फरपुर के 2.85 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से कटेंगे, इस वजह से हो रहा ऐसा
Muzaffarpur News मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण में 2.85 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए। 91.82% गणना प्रपत्र अपलोड हुए जिनमें 8.15% मृत या दोहरी प्रविष्टि वाले मतदाता थे। जिले में मतदाताओं की संख्या 32 लाख रहने की संभावना है। एक अगस्त से दावा-आपत्ति की प्रक्रिया शुरू होगी जिसके बाद अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत मतदाता सत्यापन के लिए गणना प्रपत्र भरने और अपलोड करने का कार्य पूर्ण हो चुका है। इसकी अंतिम तिथि निर्धारित थी। इसके तहत 91.82 प्रतिशत मतदाताओं के गणना प्रपत्र वेबसाइट पर अपलोड किए गए।
जबकि 8.15 प्रतिशत मृत और दोहरी प्रविष्टि वाले मतदाता पाए गए। यानी जिले के 11 विधानसभा क्षेत्रों से करीब 2.85 लाख मतदाताओं के नाम सूची से बाहर हो गए हैं। अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन में ये नाम कट जाएंगे।
जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 34 लाख 86 हजार 215 है। इस हिसाब से अंतिम मतदाता सूची में मतदाताओं की संख्या करीब 32 लाख ही रहेगी। सत्यापन कार्य पूर्ण होने पर इनमें और कमी हो सकती है। अब एक अगस्त से दावा आपत्ति का कार्य शुरू होगा, जो 30 सितंबर तक चलेगा।
एक अगस्त को ही मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन किया जाएगा। इसके बाद सभी ईआरओ और एईआरओ कार्यालय में दावा आपत्ति प्राप्त किया जाएगा। इस दौरान मतदाताओं का सत्यापन भी होगा, जिनका नाम सूची में शामिल नहीं है अथवा जिनका फार्म प्राप्त नहीं हुआ है।
उन्हें इस निर्धारित अवधि में आवश्यक प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। तभी सत्यापन करते हुए उनका नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा, लेकिन पुनरीक्षण कार्य के अंतिम तिथि तक जो आंकड़े सामने आए हैं, उससे स्पष्ट है कि करीब 2.85 लाख मतदातओं के नाम सूची से हट जाएंगे।
क्योंकि इसमें वैसे लोगों का नाम है जो या तो मृत हो चुके हैं या स्थाई रूप से दूसरे राज्य अथवा जिले में प्रवासन कर रहे हैं। इन्हें डुप्लीकेट वोटर मानकर नाम काट दिया जाएगा। दावा आपत्ति की समाप्ति के बाद मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
जिला निर्वाचन कार्यालय की रिपोर्ट अनुसार जिले में 2003 की मतदाता सूची के अनुसार 10 लाख 97 हजार मतदाता थे। इसके बाद वर्तमान में मतदाताओं की संख्या 34 लाख 86 हजार 215 तक पहुंच गई। 2003 की सूची में शामिल मतदाताओं से गणना प्रपत्र पर सिर्फ दस्तखत कराया गया है।
उनसे किसी प्रकार का प्रमाणपत्र नहीं लिया गया है। 2003 की मतदाता सूची के बाद जिन वोटरों का नाम जुड़ा है, उन्हीं का सत्यापन करने के लिए आवश्यक प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा रहा है। एक अगस्त को प्रारूप प्रकाशन के बाद इसकी सूची सभी राजनीति दल को दी जाएगी। ताकि वे अपने स्तर से इसकी शुद्धता की जांच कर सकें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।