Shravani Mela: आदेश: मुजफ्फरपुर-हाजीपुर एनएच पर शनिवार की सुबह से परिचालन पर रोक, हकीकत: धड़ल्ले से चल रहीं गाड़ियां
Shravani Mela मुजफ्फरपुर-हाजीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर श्रावणी मेला के दौरान कांवरियों की सुरक्षा के लिए वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध का आदेश जारी किया गया था। लेकिन यह आदेश कागजों तक ही सीमित रहा और वाहनों का आवागमन जारी रहा। फकुली चेकपोस्ट और बायपास पर भी लापरवाही बरती गई जिससे दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। पूर्व में भी ऐसी लापरवाही के कारण हादसा हो चुका है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Shravani Mela: श्रावणी मेले में कांवरियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो और हाईवे पर सड़क हादसा रोकने को लेकर शनिवार सुबह छह बजे से सोमवार दोपहर दो बजे तक मुजफ्फरपुर-हाजीपुर हाईवे पर वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया गया था। यह आदेश मात्र कागज में ही सिमट कर रह गया।
शनिवार को पूरे दिन यहां तक कि शाम तक छोटे-बड़े वाहनों का परिचालन धड़ल्ले से होता रहा। इस दौरान कोई देखना वाला नहीं था। उक्त मार्ग में कांवरियों की भी अत्यधिक भीड़ होने के बाद भी पुलिस अधिकारियों ने भारी वाहनों के परिचालन पर रोक नहीं लगाई।
आमदिनों की तरह ही ट्रक, बस समेत सभी प्रकार की वाहनों का परिचालन हो रहा है। जारी आदेशानुसार वैशाली डीएम व एसपी को भी पत्र भेजकर वहीं से वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था। कहा गया था कि मुजफ्फरपुर की ओर से आने वाले वाहनों को महुआ व लालगंज होकर भेजा जाए ताकि कांवरिया पथ में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो।
इसके अलावा फकुली मोड़ पर भी बैरिकेडिंग व ड्राप गेट बनाकर वहां पर मजिस्ट्रेट और पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई ताकि अगर हाजीपुर की ओर से कोई वाहन इस मार्ग में प्रवेश कर जाएं तो वहां से उसे सकरी होकर गोबरसही की ओर भेजें, लेकिन पूरे दिन वाहनों का परिचालन आम दिनों की तरह होता रहा और पुलिसकर्मी मूकदर्शक बनकर देखते रहे।
बाइपास पर भी नहीं रोका आवागमन
सुरक्षा के मद्देनजर मुजफ्फरपुर-हाजीपुर नए बाइपास पर भी शनिवार से ही वाहनों के परिचालन पर पूर्णरूप से रोक लगाने का आदेश डीएम व एसएसपी ने जारी किया था। इसके बाद भी इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई और यह आदेश भी कागज में सिमटकर रह गया। यह मार्ग अभी और भी संवेदनशील है, क्योंकि इसमें निर्माण कार्य प्रगति पर है और मार्ग पूरी तरह चालू नहीं होने से अंधेरा भी पसरा रहता है। इससे हादसे की आशंका रहती है।
लापरवाही से पांच साल पूर्व हो चुका हादसा
इसी प्रकार की लापरवाही से करीब पांच वर्ष पहले गोरौल के आसपास बड़ा हादसा हुआ था और कई कांवरियों की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई थी। इसके बाद भी पदाधिकारी सचेत नहीं हो रहे हैं। आदेश का अनुपालन करना तो दूर कार्रवाई भी नहीं कर रहे हैं ताकि कांवरियों को सुरक्षित मार्ग दिया जा सके।
वाहनों के परिचालन पर पूर्णत: रोक है। इसके बाद भी परिचालन हो रहा है तो संबंधित पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
अमित कुमार, एसडीओ पूर्वी, मुजफ्फरपुर
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