Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Shardiya Navratri 3rd Day: मां चंद्रघंटा को लाल और पीले फूल जरूर चढ़ाएं, पूजा के समय का रखें विशेष ख्याल

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 03:31 PM (IST)

    Sharad Navratri 2025 3rd Day मां चंद्रघंटा की पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है। विधिपूर्वक पूजा करने से भक्त को साहस और शक्ति की प्राप्ति होती है। मां चंद्रघंटा रक्षा और शांति की देवी भी हैं। उनकी पूजा से जीवन में सुरक्षा और शांति की प्राप्ति होती है। देवी के मस्तक पर अर्द्धचंद्र के आकार का घंटा स्थित है। यह उनकी महिमा और तेजस्विता को दर्शाता है।

    Hero Image
    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

     जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Shardiya Navratri 3rd Day: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। यह ज्ञान और तप की देवी हैं। आध्यात्मिक गुरु पंडित कमला पति त्रिपाठी प्रमोद ‌कहते हैं कि भागवत पुराण के अनुसार मां चंद्रघंटा का रूप अत्यंत शांत, सौम्य और ममतामयी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पंडित कमला पति त्रिपाठी प्रमोद

    समाज में प्रभाव में बढ़ोतरी

    जो अपने भक्तों को सुख-समृद्धि और शांति प्रदान करती हैं। इस दिन विशेष पूजा करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। जीवन में खुशहाली आती है और सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ती है। पूजा के फलस्वरूप लोग आपको अधिक सम्मान देने लगते हैं। मां चंद्रघंटा का यह रूप विशेष रूप से सरल और शांति से परिपूर्ण है। वह अपने भक्तों की समृद्धि में वृद्धि करने के लिए प्रसिद्ध हैं। मां चंद्रघंटा की पूजा से न केवल भौतिक सुख में वृद्धि होती है बल्कि समाज में प्रभाव भी बढ़ता है।

    पूजा विधि

    • स्नान और पवित्रता: सुबह जल्दी उठें, सबसे पहले स्नान करें और पवित्र वस्त्र धारण करें।
    • मां चंद्रघंटा की पूजा: मां चंद्रघंटा की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें और उनकी पूजा करें। इसके बाद पूजा में मां को लाल और पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें ।
    • पुष्प और अक्षत: मां चंद्रघंटा को कुमकुम, पुष्प और अक्षत अर्पित करें।मां चंद्रघंटा को पीला रंग अत्यंत प्रिय है इसलिए पूजा में लाल व पीले रंग के फूलों का प्रयोग करें।
    • दीप और धूप: दीप और धूप जलाएं और मां चंद्रघंटा की आरती करें। दुर्गा सप्तशती के अंत में मां चंद्रघंटा की आरती है। उसका पाठ भी करें। इन सभी विधियों को विधिपूर्वक करने से मां चंद्रघंटा प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।

    मां चंद्रघंटा का प्रिय भोग

    मां चंद्रघंटा की पूजा में खीर का भोग अर्पित करना सर्वोत्तम माना जाता है। मां को विशेष रूप से केसर की खीर बहुत पसंद है। इसके अतिरिक्त, आप लौंग, इलायची, पंचमेवा और दूध से बनी मिठाइयां भी मां को विशेष भोग के रूप गाय के दूध का भोग लगावे जिससे दुखों से मुक्ति प्राप्त होगी।

    मां चंद्रघंटा के मंत्र

    • मूल मंत्र: ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः
    • वंदना मंत्र: पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघंटेति विश्रुता।।

    मां का ध्यान

    पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।

    प्रसादं तनुते महयं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।

    वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्धकृत शेखरम्।

    सिंहारूढा चंद्रघंटा यशस्वनीम्॥

    मणिपुर स्थितां तृतीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।

    रंग, गदा, त्रिशूल,चापचर,पदम् कमण्डलु माला वराभीतकराम्॥

    मां का स्वरूप अलौकिक

    मां चंद्रघंटा का स्वरूप अत्यंत अलौकिक और भव्य माना जाता है। उनका रूप शांतिपूर्ण होने के साथ-साथ उनकी शक्ति भी अद्वितीय है, जो हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि प्रदान करती है। मां चंद्रघंटा की पूजा से जीवन के सभी पहलुओं में सफलता प्राप्त होती है। विशेष रूप से, इस दिन सूर्योदय से पहले पूजा करनी चाहिए। इस समय मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

    मां चंद्रघंटा की पूजा के लाभ

    • साहस और शक्ति: मां चंद्रघंटा की पूजा से साहस और शक्ति की प्राप्ति होती है।
    • रक्षा और सुरक्षा: मां चंद्रघंटा की पूजा से जीवन में सुरक्षा और शांति की प्राप्ति होती है।
    • आध्यात्मिक विकास: मां चंद्रघंटा की पूजा से आध्यात्मिक विकास होता है और जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।