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    Shardiya Navratri 2025: बिहार के इस मंदिर में नवरात्र के दौरान अनूठी परंपरा, रात 11 से 2 बजे तक होती है पूजा

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 07:55 PM (IST)

    नवरात्र के पहले दिन मंदिरों में मां शैलपुत्री की विशेष पूजा-अर्चना की गई। शहर के देवी मंदिरों और बगलामुखी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। तांत्रिक पद्धति से पूजा के लिए प्रसिद्ध इन मंदिरों में विशेष अनुष्ठान किए गए। बगलामुखी मंदिर में नौ दिनों तक लंगर का आयोजन किया गया है। भक्तों ने मां की आराधना कर सुख-समृद्धि की कामना की।

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    नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की गई। जागरण

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन सभी जगह मां दुर्गा की आराधना शुरू हो गई है। इस बीच देवी दुर्गा की पूजा की अनूठी परंपरा की जानकारी भी सामने आ रही है।

    पहले दिन शहर में मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई। शिव शंकर की प्रिय भवानी के लिए मंदिरों में दूध से बना खास भोग व मिष्ठान का प्रसाद चढ़ाया गया। शहर के प्रसिद्ध देवी मंदिर के पंडित धर्मेंद्र तिवारी ने बताया कि यह मंदिर तांत्रिक पद्धति का है।

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    शैलपुत्री की पूजा के लिए मंदिर में मां को खीर का भोग लगाया गया। उन्होंने बताया कि यहां पूरे नौ दिन मां के नौ रूप के साज शृंगार के साथ उनकी पूजा अर्चना की जाएगी। यहां की खास बात यह है कि मंदिर में नौ दिन निशा पूजा होती है। यह रात के 11 बजे से दो बजे तक होता है।

    नौ दिन विशेष रूप से लगेगा लंगर

    शहर में तांत्रिक पूजा के लिए प्रसिद्ध बगलामुखी मंदिर के महंत देवराज जी महाराज ने बताया कि यहां नवरात्र में श्रद्धालुओं के लिए नौ दिन लंगर लगता है। शैलपुत्री को गाय के दूध से बना भोग प्रिय है। इसलिए दूध से बनी मिठाइयां व अन्य प्रसाद का भोग चढ़ाया गया।

    मां की विशेष आराधना

    सैकड़ों वर्ष पुराने इस मंदिर में मां 70 भुजाओं में विराजमान है। यहां मां की उपासना के लिए सहस्त्र दल यंत्र रूपी आसन से आवाहन किया जाता है। यहां भक्तों के बीच मान्यता है कि मां बगलामुखी की आराधना से किसी भी तंत्र या नकारात्मक ऊर्जा को विफल किया जा सकता है। मंदिर में नवरात्र के दौरान भक्त विशेष रूप से मां की आराधना के लिए पहुंचते है।

    हर साल मां के भक्तों को रहता इंतजार

    कल्याणी स्थित मंदिर के पंडित विजेंद्र ठाकुर ने बताया कि नवरात्र की शुरूआत हो चुकी हैं। कई लोग मंदिर में आकर विशेष रूप से पाठ करते है। मंदिर में नवरात्र के प्रथम दिन विशेष रूप से मां की साज सज्जा की गई और खीर का भोग लगाया गया।

    देवी मंदिर में मां के दर्शन के लिए आई जूही ने बताया कि हर साल नवरात्र का विशेष रूप से इंतजार होता है। शहर में देवी मंदिर की मान्यता है, तो इस दौरान विशेष रूप से मंदिर में आरती के लिए पहुंचती है।

    नंदिनी और सिया ने बताया कि वह हर साल देवी मंदिर व बगलामुखी मंदिर में मां की पूजा के लिए आती है। नवरात्र की शुरूआत के साथ ही कई लोग मंदिर के बाहर पूजा सामग्री, मूर्ति, फल व फूल की दुकानें सज चुकी हैं।