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    Shardiya Navratri 2025: उद्योग विभाग पूजा पंडालों से देगा स्वदेशी अपनाओ का संदेश, उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री की तैयारी

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 02:48 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में दुर्गा पूजा पंडालों के माध्यम से स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा। तीन प्रमुख पंडालों में प्रदर्शनी लगेगी जिसमें खादी लहठी सुजनी और लीची से बने उत्पाद आकर्षण का केंद्र होंगे। भारतीय संस्कृति और बिहार की परंपराओं पर आधारित सर्वश्रेष्ठ पंडालों को पुरस्कृत किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य वोकल फॉर लोकल को साकार करना है।

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Shardiya Navratri 2025: शहर के प्रमुख पूजा पंडालों के माध्यम से इस बार उद्योग विभाग स्वदेशी अपनाओ का संदेश देने की तैयारी में जुट गया है। ऐसे पंडाल चिह्नित किए जाएंगे, जहां भारतीय संस्कृति और बिहार की परंपराओं का आकर्षक प्रदर्शन होगा।

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    चयनित पंडालों को विभाग की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक विजयशंकर प्रसाद ने बताया कि शहर के तीन प्रमुख पूजा पंडालों में स्वदेशी उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री का आयोजन किया जाएगा।

    इसमें खादी, लहठी, सुजनी कला, लीची से बने उत्पाद और अन्य घरेलू सामान उपलब्ध होंगे। खास बात यह रहेगी कि सभी उत्पादों पर 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पंडालों का चयन प्रक्रिया जारी है और विभाग व्यापक प्रचार-प्रसार कर रहा है ताकि अधिक से अधिक समितियां इस अभियान से जुड़ें।

    प्रतियोगिता में मिलेंगे नगद पुरस्कार

    महाप्रबंधक ने बताया कि जिले में दुर्गा पूजा पंडालों के बीच प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इसमें भारतीय और बिहार की विरासत एवं परंपरा पर आधारित सर्वश्रेष्ठ तीन पंडालों का चयन कर पुरस्कृत किया जाएगा।

    प्रथम पुरस्कार के रूप में 25 हजार रुपये, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 15 हजार रुपये और तृतीय पुरस्कार के रूप में पांच हजार रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने सभी पूजा समितियों से आग्रह किया कि वे प्रतियोगिता में भाग लें और अपने पंडालों में भारत और बिहार की संस्कृति, कला और परंपराओं को आकर्षक रूप में प्रस्तुत करें।

    महाप्रबंधक ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य स्वदेशी अपनाओ और वोकल फॉर लोकल के विचार को साकार करना है। जब हम स्थानीय उत्पादों का उपयोग करते हैं, तो न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी सुरक्षित रहती है।