Sharadiya Navratri 2025: मुजफ्फरपुर के धर्मशाला चौक पर रक्तबीज को भक्षण करतीं मां काली के रूप में नजर आएंगी माता दुर्गा
मुजफ्फरपुर के धर्मशाला चौक पर इस बार दुर्गा पूजा में माता दुर्गा काली के रूप में रक्तबीज का भक्षण करती दिखेंगी। हर वर्ष की तरह इस बार भी मूर्तियां चलंत होंगी और राक्षसों के संहार पर विशेष मूवी दिखाई जाएगी। समिति के अनुसार माता दुर्गा महिषासुर का संहार भी करेंगी। 75वां पूजा समारोह मनाया जाएगा जिसमें हर दिन अलग-अलग भोग लगेगा।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Sharadiya Navratri 2025: पुरानी धर्मशाला चौक पर बन रहे पूजा पंडाल में इस बार माता दुर्गा काली के रूप में राक्षस की रक्तबीजों को भक्षण करतीं नजर आएंगी।
श्रीदुर्गा पूजनोत्सव समिति महामाया स्थान पुरानी धर्मशाला चौक पर हर वर्ष की भांति इस बार भी यहां माता दुर्गा की होनी वाली स्थापित सभी मूर्तियां चलंत होंगी। देवी दुर्गा द्वारा राक्षसों का संहार पर स्पेशल मूवी हर 15 मिनट पर दिखाई जाएगी।
समिति के सचिव सूरज प्रसाद ने बताया कि इस बार माता दुर्गा काली के रूप में महिषासुर राक्षस का जब संहार करेंगी तो राक्षस का गर्दन और शरीर अलग जमीन पर गिरता दिखाई देगा। उसके गिरने वाले रक्तबीज से राक्षस उत्पन्न होने से पहले भक्षण कर लेंगी।
इसके लिए दो स्टेप में प्रतिमाएं बन रही हैं। चार प्रतिमा नीचे और पांच प्रतिमा उन प्रतिमाओं के ऊपर रहेंगी। हर वर्ष दुर्गा पूजा में माता को साड़ी पहनाने से लेकर पूजनोत्सव की सारी व्यवस्था करने वाली संजू देवी का निधन हो गया है। उनके निधन पर कुछ देर के लिए शोक सभा का आयोजन किया जाएगा।
उनको श्रद्धांजलि देने के बाद कलश स्थापन प्रारंभ होगी। अध्यक्ष नीतीन जैन, महामंत्री पंकज कुमार, कोषाध्यक्ष संजय कुमार जयसवाल, रंजीत चौधरी, दीपक कुमार उर्फ दीपू, चंदन कुमार, टींकू शुल्का, आशुतोष राणा सहित 51 सदस्य पूजा की विधि-व्यवस्था को देखेंगे।
इसके अलावा 90 वालंटियर, अग्नि सुरक्षा यंत्र के साथ बिजली का कनेक्शन भी लिया जाएगा। मटुक कला निकेतन के कारीगर मुन्ना कुमार अपनी 15 कलाकारों की टीम के साथ मूर्ति निर्माण में लगे हुए हैं। कलाकार मनोज प्रजापति चलंत प्रतिमा का कार्य देखेंगे। अष्टमी और दशमी को भंडारा बनेगा जिसे महाप्रसाद के रूप में भक्तों के बीच वितरण किया जाएगा।
नवरात्र में दीया जलाने के लिए मंदिर में उमड़ती भीड़
पूजा समिति के सचिव सूरज प्रसाद ने बताया कि धर्मशाला चौक पर महामाया स्थान उत्तर बिहार में प्रसिद्ध है। दशहरा में यहां माता को खोइंछा भरने के लिए कई जिलों से महिलाएं आती हैं। पूरे नवरात्र संध्या में दीप जलाने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ती है।
चार दिन अलग-अलग प्रसाद का लगेगा भोग
पुजारी रामश्रेष्ठ झा के नेतृत्व में पुरोहित नवरात्र पूजन कराएंगे। माता को चार दिन तक अलग-अलग भोग लगाया जाएगा। सप्तमी को फल-फूल व मिठाई, अष्टमी को हलवा, नवमी को खीर व दशमी को खीचड़ी का भोग लगाया जाएगा।
1951 से हो रही पूजा
अध्यक्ष नितिन जैन ने कहा कि इस बार यहां 75वां पूजा समारोह होगा। दीपक सिनेमा रोड निवासी राकेश कुमार के नेतृत्व में 30 फीट ऊंचा पूजा पंडाल निर्माण किया जा रहा है। यहां 1951 से बड़े ही धूमधाम से पूजा होती आ रही है। शहर में जहां किसी भी पूजा पंडालों में मूवी की व्यवस्था नहीं होती है।
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