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    जानिए क्यों SFC के अभिकर्ता को डाला गया काली सूची में, बैंक गारंटी भी जब्त करने का लिया निर्णय Muzaffarpur News

    By Murari KumarEdited By:
    Updated: Sun, 01 Mar 2020 08:44 PM (IST)

    शर्तो के तहत काम नहीं करने पर पांच सालों के लिए निविदा से किया वंचित। जिला परिवहन समिति ने बैंक गारंटी जब्त करने का भी लिया निर्णय।

    जानिए क्यों SFC के अभिकर्ता को डाला गया काली सूची में, बैंक गारंटी भी जब्त करने का लिया निर्णय Muzaffarpur News

    मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बिहार राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) के नियम के तहत काम नहीं करने के आरोप में अभिकर्ता दीप ज्योति को काली सूची में डाला गया है। साथ ही उनकी जमानत राशि एवं जमा बैंक गारंटी भी जब्त की जाएगी। जिला परिवहन समिति की तरफ से यह निर्णय लिया गया है। पांच साल के लिए बिहार राज्य खाद्य निगम की किसी भी निविदा में भाग लेने से भी वंचित कर दिया गया है।

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    रिपोर्ट में कहा गया कि चयनित अभिकर्ता ज्योति द्वारा एकरारनामा कर लिए जाने के बावजूद कोई खाद्यान्न नहीं उठाया गया। इसके कारण उनकी निविदा रद की गई। मामले को लेकर वे अपील में गए। लेकिन प्रबंधक निदेशक ने अपीलकर्ता के आवेदन को खारिज कर दिया। निर्देश दिया कि दीप ज्योति से कारणपृच्छा कर उन्हें काली सूची में डालें। मुख्यालय के पत्र के आलोक में अभिकर्ता ने स्पष्टीकरण का जवाब दिया। लेकिन जिला परिवहन समिति जवाब से सहमत नहीं हुई। इसके बाद समिति ने सभी बिंदुओं पर सुनवाई कर संबंधित अभिकर्ता पर कार्रवाई की। 

    डोर स्टेप डिलीवरी के लिए एसएफसी की निविदा खुलेगी पांच को

    राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) के अंतर्गत खाद्यान्न उठाव के लिए डोर स्टेप डिलीवरी अभिकर्ता के लिए पांच मार्च को निविदा खुलेगी। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह से इस संबंध में अनुमति मिली है। एसएफसी के जिला प्रबंधक प्रवीण कुमार दीपक ने इसकी पुष्टि की। कहा कि गत पखवारे ऑनलाइन तरीके से करीब दर्जन भर लोगों ने इस कार्य के लिए निविदा प्रपत्र डाला था।

     इस बीच तत्कालीन जिलाधिकारी का स्थानांतरण हो गया। इसके कारण निविदा का कार्य बाधित हो गया। लेकिन नए जिलाधिकारी के कमान संभालने के बाद इस संबंध में अनुमति प्राप्त हो गया है। कहा जा रहा कि विभाग के नियम के अनुसार जो लोग निविदा डाले हैं और सभी शर्त को पूरा करेंगे। उन्हें ही निविदा दिया जाएगा, ताकि सरकारी कार्य प्रभावित नहीं हो सके। बता दें कि शर्त के तहत काम नहीं करने के कारण पूर्व की निविदा रद की गई थी।