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डीडी बिहार चैनल पर नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाया गया साइंस

डीडी चैनल पर प्रसारित मेरा दूरदर्शन मेरा कार्यक्रम की हुई शुरुआत लॉकडाउन अवधि में विद्यार्थी इससे होंगे लाभान्वित। बिहार बोर्ड की पहल। विद्यार्थियों के पास डाउट पूछने का कोई आप्शन नहीं होगा।ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश बच्चों के पास टीवी नहीं है इसके कारण परेशानी हो रही है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 11:18 AM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 11:18 AM (IST)
डीडी बिहार चैनल पर नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाया गया साइंस
ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश बच्चों के पास टीवी नहीं है इसके कारण परेशानी हो रही है।

मुजफ्फरपुर, जासं। डीडी चैनल पर प्रसारित मेरा दूरदर्शन मेरा कार्यक्रम सोमवार से प्रारंभ हो गया। पहले दिन साइंस विषय की पढ़ाई हुई। बिहार बोर्ड के नौवीं से 12 कक्षा तक के विद्यार्थी घर बैठे पढ़ाई कर सकते हैं। हालांकि विद्यार्थियों के पास डाउट पूछने का कोई आप्शन नहीं होगा। ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश बच्चों के पास टीवी और नहीं है इसके कारण परेशानी हो रही है। 

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विशेषज्ञ शिक्षकों ने भौतिकी, जीव विज्ञान को सचित्र पढ़ाया। कक्षा नौ से लेकर 12 वीं तक के बच्चों की पढ़ाई हुई। पहला दिन होने के कारण कई विद्यार्थी जानकारी के अभाव में टीवी नहीं देख पाए। सर्व शिक्षा अभियान के संभाग प्रभारी ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में नौवीं से वर्ग 12वीं तक के विद्यार्थी इससे लाभान्वित होंगे। इस बाबत जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड साधन सेवी, संकुल समन्वयक, उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्यों व शिक्षकों से आग्रह कर किया गया है। कहा कि अपने स्तर से विद्यार्थियों को सूचना भेज कर प्रेरित करें। ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थियों को पढ़ाई का लाभ मिल सके।  

बारिश के बाद लीची फलों में फलबेधक कीट की संभावना

मुशहरी (मुजफ्फरपुर), संस : जिले में हुई बारिश के बाद लीची के फलों में फलबेधक कीट के प्रकोप की आशंका प्रबल हो गई है। एनआरसी लीची के निदेशक डॉ. शेषधर पांडेय ने लीची उत्पादक किसानों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए तत्काल इससे बचाव के लिए कीटनाशी के छिड़काव की सलाह दी है। बताया कि शाही लीची में फल बेधक कीट से नियंत्रण के लिए नोवाल्यूरॉन 10 ईसी (1.5 मि/ली) या इमामेक्टिन बेंजोएट 5 प्रतिशत एसजी (0.8 ग्राम/लीटर पानी) या लेम्डा-सायहेलोथ्रिन 5 प्रतिशत ईसी (1.0 मिली/लीटर पानी) का छिड़काव करें। चाइना किस्म में नियंत्रण के लिए थियाक्लोप्रिड (0.5 मिली/लीटर) के साथ लेम्डासाइलोथ्रिन (0.5 मिली/लीटर) कीटनाशक का घोल बनाकर छिड़काव करें। प्रभावी नियंत्रण के लिए घोल में स्टीकर (0.4 मिली/लीटर) या सर्फ पाउडर (1 चम्मच/15 लीटर पानी) की दर से प्रयोग करें। जिन किसान भाइयों ने बोरॉन का छिड़काव नहीं किया है, वे 4 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। शाही लीची में इसके बाद कोई छिडकाव न करें। तुड़ाई 20 मई से करें।

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