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Lockdown Effect: मुजफ्फरपुर में सब्जी को नहीं मिल रहे खरीदार, टमाटर को सड़क पर फेंक रहे किसान

Lockdown Effect टमाटर के नहीं मिल रहे भाव सड़कों पर फेंक रहे किसान। लॉकडाउन की वजह से मंडियां बंद नहीं आ रहे खरीदार। किसानों ने बताया कि 15 किलो के कैरेट की कीमत 25 रुपये भी नहीं मिल रही है। जबकि तोड़वाने में 15 रुपये से अधिक खर्च हो रहे।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 11:40 AM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 11:40 AM (IST)
Lockdown Effect: मुजफ्फरपुर में सब्जी को नहीं मिल रहे खरीदार, टमाटर को सड़क पर फेंक रहे किसान
टमाटर शहर में 10 रुपये किलो की दर से बिक्री हो रही है। फोटो: जागरण

मुजफ्फरपुर, जासं। जिले के सब्जी उत्पादक क्षेत्र मीनापुर के किसानों की खुशहाली सब्जी उत्पादन पर निर्भर है। सब्जी की खेती से प्राप्त आय से अपने भविष्य की कार्ययोजना तैयार करने वाले किसान इस बार औंधे मुंह गिर गए हैं। टमाटर के पकने पर अच्छी आमद का सपना लिए किसान उस वक्त मायूस हो उठे, जब कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ी। सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की। लॉकडाउन की वजह से बाजार-मंडी बंद है। बड़ी मेहनत से उगाए गए टमाटर को बाजार नहीं मिल रहा। खरीदार नहीं आ रहे जिससे उनकी खुशहाली छीन गई है। टमाटर को खेत से तोडऩे और बाजार तक लेे जाने की कीमत भी नहीं मिल रही है। समय का मारा किसान क्या करे। अपनी किस्मत को कोसते हुए टमाटर के कैरेट को सड़कों पर फेंक रहे हैं। 

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किसानों ने बताया कि 15 किलो के कैरेट की कीमत 25 रुपये भी नहीं मिल रही है। जबकि एक कैरेट टमाटर तोड़वाने में 15 रुपये से अधिक खर्च हो रहे हैं। जबकि यही टमाटर शहर में 10 रुपये किलो की दर से बिक्री हो रही है। यह हालत मझौलिया, हजरतपुर, मीनापुर, बनघारा, गंजबजार, टेंगरारी, खेमाईपट्टी, नेउरा, सिवाईपट्टी सहित दर्जनों गांवों की है। लोग टमाटर को खेतों में भी छोड़ रहे हैं। कुछ किसान टमाटर को तोड़कर बाजार तक लेे जाते हैं, लेकिन कोई खरीदार नहीं मिलता। खेमाईपट्टी के किसान भरत प्रसाद कहते हैं कि किसान इस लॉकडाउन में बर्बाद हो गए। महाजन की पूंजी, खेती में लागत और इसमें लगी मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है। हार कर लोग इसे खेती में ही छोड़ रहे हैं या सड़कों पर फेंक रहे हैं।

सहजपुर के नीरज कुमार कहते हैं अब किसानों के पास कोई उपाय नहीं है। भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। किसानों की कमर टूट गई है। अब सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए, ताकि किसानों को मदद मिल सके। महदेइया के गणेश प्रसाद कहते हैं कि कर्ज लेकर डेढ़ एकड़ में टमाटर की खेती की थी। अब भाव नहीं मिलने से हिम्मत हार चुके हैं। महाजन और बैंक का कर्ज चुकाना भी मुश्किल हो रहा है। अब आत्महत्या के सिवा कोई उपाय नहीं सूझ रहा है। प्रखंड आत्मा अध्यक्ष राजकिशोर प्रसाद ने बताया कि किसानों की समस्या से कृषि विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। साथ ही सरकार से मुआवजे की मांग की जाएगी। मीनापुर (मुजफ्फरपुर) के प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजदेव राम ने कहा कि यह स्थिति लॉकडाउन के कारण हो रही है। बाहर की मंडी में नहीं जाने और बाहरी व्यापारी के नहीं आने के कारण ऐसी स्थिति हुई है। किसानों की समस्या से वरीय अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।  


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