राहत की खबर, सदर अस्पताल के मरीजों को अब यूरिन कल्चर के लिए नहीं जाना पड़ेगा निजी जांच घर
मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में अब यूरिन कल्चर जांच की सुविधा शुरू हो गई है। मरीजों को अब बाहर जांच कराने की आवश्यकता नहीं होगी जिससे उनके समय और पैसे की बचत होगी। प्रतिदिन लगभग 100 मरीजों को इस जांच की सलाह दी जाती है और अस्पताल परिसर में ही यह सुविधा उपलब्ध होने से मरीजों को काफी आराम मिलेगा।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। सदर अस्पताल के मातृ-शिशु अस्पताल में यूरिन कल्चर जांच की सुविधा शुरू हो गई है। अब मरीजों को इस जांच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। पहले बाहर जांच कराने में मरीजों पर आर्थिक बोझ पड़ता था।
अधीक्षक डा. बी.एस. झा ने बताया कि इस सुविधा से मरीजों को समय और पैसे दोनों की बचत होगी। जानकारी के अनुसार प्रतिदिन औसतन 100 मरीजों को चिकित्सक यूरिन कल्चर की सलाह देते हैं। अब यह जांच अस्पताल परिसर में ही हो सकेगी।
ब्रह्म्पुरा की मरीज खुशी देवी ने कहा कि बाहर जांच कराने पर 200 रुपये खर्च होते थे, अब यह सुविधा निःशुल्क मिल रही है। अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार ने बताया कि इस जांच से संक्रमण के सही कारणों का पता लगाना आसान होता है। जिससे चिकित्सक को सटीक इलाज करने में सहूलियत होती है।
समय पर रिपोर्ट मिलने से दवाओं का सही चयन होगा और मरीज जल्दी स्वस्थ होंगे। यह सुविधा विशेषकर गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बार-बार संक्रमण से पीड़ित मरीजों के लिए होती है।
अधीक्षक ने कहा कि आने वाले दिन में यहां पर 24 घंटे पैथोलाजी जांच की सुविधा मिले इसकी कवायद चल रही हैं। अभी माडल अस्पताल व मातृ-शिशु अस्पताल में पैथीलाजी जांच सुविधा मिल रही हैं।
एसकेएमसीएच के ब्लड बैंक का लाइसेंस खत्म
मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच का ब्लड बैंक तेरह दिनों से बिना लाइसेंस के ही संचालित हो रहा है। लाइसेंस ब्लड बैंक को आपरेट करने, ब्लड कलेक्शन-स्टोरेज व प्रोसेसिंग तथा ब्लड की बिक्री और वितरण के लिए दिया गया था।
पूर्व के लाइसेंस पर ही राज्य औषधि नियंत्रक पटना के घनश्याम भगत एफेरेसिस प्रक्रिया के रूप में अतिरिक्त उत्पादों का प्रचलन प्रस्तुत का लाइसेंस निर्गत किया गया था। अस्पताल की प्रथम मंजिल पर ब्लड बैंक क्लीनिकल पैथोलाजी के बगल में संचालित है।
निदेशालय औषधि नियंत्रण प्रशासन, बिहार, पटना द्वारा यहां ब्लड बैंक संचालित करने के लिए 6 सितंबर 2015 से लेकर 7 सितंबर 2025 तक के लिए लाइसेंस दिया गया था। इस तरह लाइसेंस की अवधि समाप्त हुए तेरह से अधिक का समय बीत चुका है।
लाइसेंस ब्लड बैंक को आपरेट करने, ब्लड कलेक्शन-स्टोरेज व प्रोसेसिंग तथा ब्लड की बिक्री और वितरण के लिए दिया गया था, लेकिन लाइसेंस की अवधि समाप्त होने के बाद भी नियम-कायदों को ताख पर रख ये सारे काम ब्लड बैंक में हो रहे है।
मामले को लेकर उपाधीक्षक डा. सतीश कुमार सिंह ने बताया कि लाइसेंस रिन्यू के लिए आवेदन दिए गया है। निदेशालय औषधि नियंत्रण प्रशासन, बिहार, पटना की टीम निरीक्षण करेंगी। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो फिर से लाइसेंस रिन्यू होगा।
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