बंदरा के बंगाही में बूढ़ी गंडक नदी का रिंग बाध टूटा, सैकड़ों घर डूबे
मुजफ्फरपुर । बारिश का असर थमने के बाद भी नदियों के जलस्तर में कोई कमी नहीं आई है। खा
मुजफ्फरपुर । बारिश का असर थमने के बाद भी नदियों के जलस्तर में कोई कमी नहीं आई है। खासकर बूढ़ी गंडक नदी की उफनातीं धाराएं लगातार कहर बरपाते हुए हजारों परिवारों की खुशियां निगल रही हैं। सोमवार को बूढ़ी गंडक नदी की बेगवती धाराओं ने बंदरा प्रखंड के बड़गांव स्थित रिग बांध को ध्वस्त कर दिया। इससे दर्जनों गांवों की हजारों की आबादी प्रभावित हुई है। लोग अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थल के लिए पलायन कर गए है। उधर, बूढ़ी गंडक नदी का पानी मुजफ्फरपुर शहरी क्षेत्र के नए इलाकों में फैल रहा है। अखाड़ाघाट, सलेमपुर, आश्रमघाट आदि इलाकों में बाढ़ का कहर जारी है। सोमवार को बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान से एक मीटर दो सेमी ऊपर बहती रही। बूढ़ी गंडक का जलस्तर सिकंदरपुर में 53.55 मीटर दर्ज किया गया। गंडक नदी के जलस्तर में हल्की गिरावट हुई, लेकिन खतरे के निशान के पार रहा। रेवाघाट में गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 27 सेमी ऊपर 54.68 मीटर दर्ज किया गया। औराई के कटौझा में भी बागमती नदी के जलस्तर में हल्की कमी आई है। सोमवार को कटौझा में जलस्तर खतरे के निशान से 2.17 मीटर ऊपर बह रही है। यहां नदी का जलस्तर 55.90 मीटर दर्ज किया गया। बेनीबाद में बागमती नदी का जलस्तर 49.1 मीटर दर्ज किया गया है।
इधर, शहर से लेकर गांव तक बाढ़ का कहर बरकरार है। अबतक 12 प्रखंडों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। करीब दो लाख की आबादी के प्रभावित होने का अनुमान है। इसी बीच डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने अधिकारियों की टीम के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर लोगों से मुलाकात की। साथ ही परेशानी सुनी। डीएम ने मौजूद अधिकारियों को राहत व बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया। वहीं, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और मेडिकल यूनिट भी प्रभावित इलाकों में काम कर रही है।
बंदरा : बंगाही में बूढ़ी गंडक नदी का रिंग बाध (टेनी बाध) दोपहर में करीब 20 फीट में टूट गया, जो बाद में बढ़कर तेज धारा से करीब 50 फीट से ज्यादा में बढ़ता चला गया। इससें पाच दर्जन से अधिक घर तेज धार में बह गए। बाध के दोनों तरफ लोगों से लेकर माल-मवेशी फंसे हुए हैं। बाध टूटने की घटना दोपहर की है।बड़गाव पंचायत के मुखिया शभू शाह ने बताया कि नजर के सामने ही नदी की धारा से करीब 50 से अधिक घर टूटकर नदी में समाहित होते चले गए। घटना की सूचना के बाद भी कई घटे तक अधिकारियों व विभागीय अभियंताओं की टीम नहीं पहुंची। इससे लोगों में नाराजगी है। बताया कि बाध की जर्जरता को लेकर पिछले एक महीने से लगातार विभागीय अभियंताओं, प्रखंड व जिले के अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है। कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद से बूढ़ी गंडक के मुख्य बाध पर काफी दबाव बढ़ गया है। यह पहले से ही जर्जर है। स्थानीय ग्रामीणों का बताया कि बगाही से लेकर तेपरी के बीच में करीब एक हजार ब्रोकर व रेनकट हैं। इससे इलाके के लोगों में भय व दहशत का माहौल है।
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