Bihar: दरभंगा के रहमानी बने चांद पर एक एकड़ जमीन के मालिक, अमेरिकन कंपनी ने दिया उपहार
Bihar News दरभंगा जिले के बेनीपुर प्रखंड के बहेड़ा के मूल निवासी इफ्तेखार रहमानी पेशे से हैं सॉफ्टवेयर डेवेलॉपर। नोएडा में एआर स्टूडियोज नामक सॉफ्टवेय ...और पढ़ें

दरभंगा, जागरण संवाददाता। दरभंगा जिले के बेनीपुर प्रखंड स्थित बहेड़ा निवासी इफ्तेखार रहमानी चांद पर एक एकड़ जमीन के मालिक बन गए हैं। पेशे से सॉफ्टवेयर डेवेलॉपर रहमानी को अमेरिकन कंपनी लूना सोसाइटी इंटरनेशनल ने ये प्लॉट उपहार में दिया है। इस उपलब्धि की सूचना पर इफ्तेखार के परिवार और गांव में खुशी है। इफ्तेखार नोएडा में एआर स्टूडियोज नामक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी चलाते हैं। उन्होंने इस कंपनी की स्थापना एक स्टार्टअप के रूप में 2019 में की थी। ये कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर खास तौर पर काम कर रही है।
काम के बदले मिला ईनाम
इफ्तेखार लूना सोसाइटी इंटरनेशनल के लिए भी काम करते हैं। उनके काम के ईनाम के तौर पर कंपनी ने उन्हें चांद पर प्लॉट दिया है। चांद पर जमीन मिलने के बाद इफ्तेखार बेहद खुश हैं। अपनी इस खुशी को अपने माता-पिता, परिवार और दोस्तों के साथ शेयर किया है। इफ्तेखार ने बताया कि वे चांद पर रिसर्च करने वाली और वहां के प्लॉट का हिसाब-किताब रखने वाली अमेरिकन कंपनी लूना सोसाइटी इंटरनेशनल के लिए सॉफ्टवेयर डेवेलॉप कर रहे हैं। वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भी काम कर रहे हैं। उनके काम को देखते हुए इस कंपनी ने उन्हें चांद पर एक एकड़ का प्लॉट गिफ्ट किया है।
बचपन से ही पढ़ने-लिखने में थे तेज
इफ्तेखार के छोटे भाई एजाज आलम ने कहा कि वे दो भाई और चार बहनें हैं। चारों बहनें बड़ी हैं। जबकि भाइयों में इफ्तेखार बड़े हैं। एजाज ने कहा कि इफ्तेखार ने बहेड़ा से ही प्रारंभिक शिक्षा हासिल की है। उन्होंने 2011 में बहेड़ा कॉलेज से इंटर साइंस किया। उसके बाद उदयपुर के एस.एस कॉलेज से बी.टेक की पढ़ाई की। वे बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में बहुत तेज थे। इंजीनियर बनना उनका बचपन का सपना था।
इससे पहले फिल्मी सितारों और क्रिकेटर ने ली थी चांद पर जमीन
बता दें कि इसके पहले भारत में शाहरुख खान, सुशांत सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह धोनी समेत कुछ अन्य खुशकिस्मत लोग ही चांद पर प्लॉट के मालिक हैं। अब इस सूची में दरभंगा के इफ्तेखार रहमानी का नाम भी जुड़ गया है। इससे पूरे जिले के लोगों में खुशी है।
केवल मन बहलाने के लिए होती है जमीन की खरीद
''द आउटर स्पेस ट्रीटी'' संधि के तहत चांद पर जमीन खरीदना गैर-कानूनी है। 10 अक्टूबर 1967 में 104 देशों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत अंतरिक्ष की चीजें किसी एक देश की संपत्ति नहीं है। कोई भी इन पर दावा नहीं कर सकता है। भारत ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। केवल मन बहलाने के लिए चांद पर जमीन की खरीद होती है। चांद पर जमीन खरीदने वाला शख्स चांद पर नहीं जा सकता। वहां रह भी नहीं सकता है। इसलिए चांद पर जमीन खरीदना गैर-कानूनी माना जाता है।

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