Updated: Fri, 14 Mar 2025 03:41 PM (IST)
सीबीएसई ने निर्देश जारी किया है कि कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राएं अगर 75% उपस्थिति नहीं दर्ज कराएंगे तो उनका नामांकन और रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। इसके अलावा अगर कोई छात्र लंबे समय से अनुपस्थित पाया जाता है तो भी उनका रजिस्ट्रेशन और नामांकन रद्द किया जा सकता है। सभी विद्यालयों के निर्देशकों प्राचार्य अभिवावकों एवं विद्यार्थियों को इसकी जानकारी दी गई।
जगरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। सीबीएसई द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा नवमी, दशमी,11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राएं 75 प्रतिशत उपस्थित नहीं दर्ज करएंगे तो उनका नामांकन और रजिस्ट्रेशन खत्म किया जाएगा।
सीबीएसई, नई दिल्ली के पदाधिकारियों द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा है कि औचक निरीक्षक के समय अगर किसी भी विद्यार्थी की अनुपस्थिति लंबे समय से पाई जाती है तो उनका रजिस्ट्रेशन और नामांकन विद्यालय को रद करना पड़ेगा।
उनका रजिस्ट्रेशन और नामांकन बोर्ड द्वारा भी रद कर दिया जाएगा। इस निर्देश पर जिले के सभी सीबीएसई मान्यता प्राप्त विद्यालय के निदेशक एवं प्राचार्य की एक बैठक आयोजित की गई। इंद्रप्रस्थ ग्रुप के स्कूल्स के प्रेसिडेंट एवं इंडियन एसोसिएशन आफ स्कूल के अध्यक्ष सुमन कुमार ने सभी विद्यालयों के निर्देशकों, प्राचार्य, अभिवावकों एवं विद्यार्थियों को इसकी जानकारी दी।
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कहा गया कि जो विद्यार्थी नियमित रूप से स्कूल नहीं आते हैं, या किसी कारण से विद्यालय में अनुपस्थित रहते हैं वे अपनी उपस्थिति विद्यालयों में दर्ज करें। बैठक में मुख्य रूप से ट्राईडेंट स्कूल, दून पब्लिक स्कूल, लाइसिएम स्कूल, होली मिशन विद्यालय, सेंट जोसेफ स्कूल, डाल्फिन पब्लिक स्कूल, प्रिंसटाइन स्कूल, मदर टेरेसा स्कूल, होली क्रास इंटरनेशनल, एसके मदर आदि स्कूल के निदेशक और प्रतिनिधि मौजूद थे।
सुमन कुमार ने बताया कि 18 मार्च को इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल में सीबीएसई से मान्यता प्राप्त सभी विद्यालय विद्यालय के सभी निर्देशकों एवं प्राचार्य की बैठक होगी।
आईआईटी पटना में केंद्रीय एजेंसी की टीम ने फाइलें खंगाली
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पटना में केंद्रीय एजेंसी की टीम ने निर्माण, नियुक्ति सहित कई फाइलों को खंगाला है। सूत्र की मानें तो सीबीआइ की टीम थी, लेकिन अधिकारी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। कई फाइलें भी अपने साथ लेकर गई है।
टीम ने आईआईटी पटना को मिलने वाली आवंटन राशि का उपयोग, आनलाइन कोर्स संचालन, निर्माण कार्य से संबंधित फाइलें अपने साथ ले गई है।
प्रथमदृष्टया मामला टेंडर में हेरफेर का बताया जा रहा है। कई विद्यार्थियों ने आइआइटी पटना में अनियमितता की शिकायत पीएमओ को मेल व पत्र लिख कर की थी।
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