युवाओं के लिए प्रेरणादायक है स्वामी रामकृष्ण आश्रम
पीड़ित मानवता और युवाओं को आदर्श और नैतिकता का संदेश देने में स्वामी रामकृष्ण परमहंस आश्रम तत्पर है।
मुजफ्फरपुर। पीड़ित मानवता और युवाओं को आदर्श और नैतिकता का संदेश देने में स्वामी रामकृष्ण परमहंस आश्रम तत्पर है। पीड़ित मानवता की सबसे बड़ी सेवा गरीब लाचार को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देना है। इसे आश्रम अपने स्थापना वर्ष 1926 से कर रहा है। यहां महान दार्शनिक एवं राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीबाबू कई बार आए थे।
गुलाम भारत में जब यहां स्वतंत्रता संग्राम चल रहा था, उस समय वर्ष 1926 में स्वामी ऋतानंद ने श्रीरामकृष्ण आश्रम की स्थापना की थी। शुरुआत होम्योपैथी चिकित्सा से हुई, जो 91 साल में विस्तारित हो चुकी है। आज हर स्तर की चिकित्सा होम्योपैथी व एलोपैथी की ओपीडी है। इसके अलावा नेत्र चिकित्सालय है। एक और अत्याधुनिक नेत्र चिकित्सालय का मार्च में उद्घाटन होगा। वर्तमान में संचालक स्वामी भावात्मानंद आश्रम की चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 1986 से आश्रम में स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर युवा वर्ष मनाया जा रहा है। निरंतर युवा दिवस आयोजन का विस्तार हो रहा है। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद जी के दर्शन, भारतीय संस्कृति व दर्शन में निहित मूल्यों को बच्चों से जोड़ने का काम होता है। ताकि वे एक बेहतर भारतीय नागरिक बन सकें।
युवा दिवस पर भव्य आयोजन आज
स्वामी रामकृष्ण आश्रम में शुक्रवार को नैतिक शिक्षा पर हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं के 250 विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। युवा समारोह सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा। मुख्य अतिथि बीआरए बिहार विवि के कुलपति डॉ. अमरेंद्र नारायण यादव, पूर्व कुलपति बीएन मंडल विवि के डॉ. रिपुसूदन श्रीवास्तव हैं।
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