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    Muzaffarpur: राजदेव रंजन हत्याकांड में 3 दोषियों को आजीवन कारावास, पत्नी ने दर्ज कराई थी FIR; 8 साल चला मामला

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 05:07 PM (IST)

    सिवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में सीबीआई कोर्ट ने तीन दोषियों - रोहित कुमार सोनी विजय कुमार गुप्ता और सोनू कुमार गुप्ता - को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष अदालत की जज नमिता सिंह ने प्रत्येक दोषी पर जुर्माना भी लगाया। अदालत ने मृतक राजदेव रंजन की पत्नी को उचित मुआवजा देने का आदेश दिया है।

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    राजदेव रंजन हत्याकांड में 3 दोषियों को आजीवन कारावास, पत्नी ने दर्ज कराई थी FIR

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। नौ वर्ष पूर्व सिवान में हुई पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश-तीन नमिता सिंह की विशेष सीबीआई कोर्ट ने बुधवार को तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने हत्या की धारा, हत्या के लिए षड्यंत्र रचने व आर्म्स एक्ट की धारा में सिवान के मौलेश्वरी चौक निवासी रोहित कुमार सोनी, शुक्ला टोली के विजय कुमार गुप्ता व सोनू कुमार को यह सजा सुनाई।

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    साथ ही तीनों को 30-30 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने राजदेव रंजन की पत्नी आशा यादव को उचित मुआवजा के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार को पत्र लिखा है। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपित घर से आए स्वजन से मिले। इसके बाद तीनों को खुदीराम बोस केंद्रीय कारा भेज दिया गया है।

    इस दौरान सीबीआई पटना के वरीय विशेष लोक अभियोजक राकेश दूबे व बचाव पक्ष के अधिवक्ता शरद सिन्हा मौजूद रहे। इस मामले में कोर्ट ने 30 अगस्त को तीनों को दोषी करार दिया था। सीबीआई पटना के वरीय विशेष लोक अभियोजक राकेश दूबे ने बताया कि 30 अगस्त को दोषमुक्त किए गए सिवान के नगर थाने के रामनगर निवासी अजहरुद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां, बबुनिया रोड अड्डा नंबर दो के राजेश कुमार और बड़ी मस्जिद चौक बाजार के रिशु कुमार जायसवाल को बरी करने के विरुद्ध अपील में जाएंगे।

    वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता शरद सिन्हा ने कहा फैसला पक्ष या विपक्ष में आना सराहनीय है। तीनों को मिली सजा के विरुद्ध अपील में जाएंगे। विदित हो कि 13 मई 2016 को सिवान रेलवे स्टेशन के पास पत्रकार राजदेव रंजन की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनकी पत्नी आशा यादव ने सिवान के नगर थाने में प्राथमिकी कराई थी। इसमें अज्ञात को आरोपित किया था।

    प्राथमिकी में कहा था कि पति एक दैनिक समाचार पत्र में ब्यूरो प्रभारी थे। घटना के दिन वह शाम सवा सात बजे कार्यालय में थे। इसी बीच उन्हें काल आई तो स्टेशन रोड गए। वहां पहले से घात लगाए पेशेवर बदमाशों ने उन्हें रोका। इसके बाद साइलेंसर युक्त बंदूक से उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। पांच गोलियां राजदेव रंजन के पेट, सिर व गले में लगीं। मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी। पहले इस केस की जांच पुलिस कर रही थी।

    पुलिस ने घटना में सात आरोपितों की संलिप्तता पाई थी। इसमें एक किशोर था। किशोर का ट्रायल अलग से चल रहा है। पुलिस के बाद सीबीआई ने मामले की जांच की। सेशन ट्रायल में आठ वर्ष तक मामला चला।

    पुलिस ने छह पर की थी चार्जशीट:

    पुलिस ने छह आरोपितों पर 20 अगस्त, 2016 को चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें सिवान जिले के नगर थाने के रामनगर के लड्डन मियां उर्फ अजहरुद्दीन बेग, मौलेश्वरी चौक के रोहित कुमार सोनी, शुक्ला टोली के विजय कुमार गुप्ता, बबुनिया रोड अड्डा नंबर दो के राजेश कुमार, शुक्ला टोली के सोनू कुमार गुप्ता व बड़ी मस्जिद चौक बाजार के रिशु कुमार जायसवाल थे।

    इसके बाद केस की जांच का जिम्मा 15 सितंबर, 2016 को सीबीआई को सौंपा गया था। सीबीआई ने केस की जांच में सिवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन सहित आठ आरोपितों के विरुद्ध विशेष सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। सत्र विचारण के दौरान कोरोना काल में आरोपित शहाबुद्दीन की मौत हो गई थी। कोर्ट ने उनके विरुद्ध इस मामले में साक्ष्य नहीं पाया।