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    12 लाख की स्कार्पियो केवल 3.85 लाख में, वाकई पुलिस व उत्पाद वालों ने लूट मचा रखी

    By Prem Shankar Mishra Edited By: Ajit kumar
    Updated: Thu, 27 Nov 2025 12:55 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में शराब के साथ जब्त वाहनों की नीलामी में गड़बड़ी सामने आई है। 12 लाख की स्कार्पियो को महज 3.85 लाख में नीलाम करने पर पटना हाई कोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं। आरोप है कि उत्पाद विभाग और पुलिस के अधिकारियों ने मिलकर यह घोटाला किया है। कोर्ट ने नीलामी में शामिल अधिकारियों के संबंधों की जांच करने और आर्थिक अपराध इकाई को भी जांच करने का निर्देश दिया है।

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    उत्पाद व पुलिस विभाग के अधिकारियों से संबंध या कनेक्शन भी होगी जांच। फाइल फोटो

    प्रेम शंकर मिश्रा, मुजफ्फरपुर। Bihar News: शराब के साथ जब्त वाहनों की नीलामी में मुजफ्फरपुर में बड़ा खेल पकड़ा गया है। इसमें उत्पाद विभाग और पुलिस के अधिकारियों के रैकेट की बात सामने आ रही है।

    पटना हाई कोर्ट ने जिले के सकरा थाना क्षेत्र में शराब के साथ जब्त करीब 12 लाख मूल्य की स्कार्पियो को मुक्त करने के उत्पाद कोर्ट के आदेश के बाद भी महज 3.85 लाख में नीलामी होने पर डीएम से जांच कर रिपोर्ट मांगी है।

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    साथ ही ऐसे वाहनों की नीलामी से खरीद करने वालों के उत्पाद और पुलिस विभाग के पदाधिकारियों के संबंध और कनेक्शन की जांच कर भी रिपोर्ट तलब की है। साथ ही आर्थिक अपराध इकाई को भी मामले की जांच का निर्देश दिया है।


    जिले के मुशहरी थाना के सुशील कुमार सिंह ने पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें सकरा थाना द्वारा दिसंबर 2020 में 3.750 लीटर शराब के साथ जब्त उनकी स्कार्पियो की नियम के विरुद्ध नीलामी की बात कही थी।

    सुनवाई में यह बात सामने आई कि उक्त वाहन को एक्साइज कोर्ट-वन ने 11 जनवरी 2023 को मुक्त करने का आदेश दिया। आदेश के बाद भी वाहन को मुक्त नहीं किया। इसकी जगह उसका उपयोग तत्कालीन डीएसपी पूर्वी द्वारा किया जाता रहा।

    यही नहीं वाहन की नीलामी भी 31 मार्च 2023 को कर दी गई। भोला साह नाम के व्यक्ति ने वाहन को खरीदा। इस दिन नीलामी के लिए 490 वाहन रखे गए थे। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने नीलामी को उत्पाद एवं पुलिस विभाग के पदाधिकारी की ईमानदारी पर सवाल उठाते हुए इसे गलत नीयत से करने का करार दिया।

    साथ ही दिसंबर 2020 से मार्च 2023 तक वाहन के डीएसपी पूर्वी द्वारा इस्तेमाल किए जाने पर भी सवाल उठाए।हाई कोर्ट ने पाया कि 490 वाहनों की नीलामी इसी तरह से की गई।

    वहीं नीलामी में एक ही व्यक्ति ने आठ वाहन खरीदे। इसके अलावा कई लोगों ने 4-5 वाहन नीलामी में खरीदे। नीलामी में इस तरह से वाहनों को खरीदे जाने को देखते हुए हाई कोर्ट ने आर्थिक अपराध इकाई को मामले की अलग से जांच का निर्देश दिया। कहा गया कि नीलामी में किस तरह से रैकेट काम कर रहा है, यह जांच करें। इसके अलावा डीएम से 15 दिसंबर तक नीलामी में उत्पाद और पुलिस विभाग के पदाधिकारी के रैकेट की रिपोर्ट देने को कहा है।

     शराब के साथ जब्त स्कार्पियो वर्ष 2018 में ही खरीदी गई थी। जनवरी 2022 तक बीमित इस वाहन की कीमत 12 लाख 12 हजार है। इस कीमत से 30 प्रतिशत में वाहन की नीलामी ने ही बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।