Move to Jagran APP

दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज में प्लेसमेंट की गति धीमी, 2018 में पहली बार आई थी कंपनी; पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Darbhanga College of Engineering दो वर्षों के अंदर मात्र 27 छात्रों का हुआ प्लेसमेंट। 2018 से पूर्व कॉलेज में एक भी कैंपस प्लेसमेंट को नहीं पहुंची।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 03:33 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 03:33 PM (IST)
दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज में प्लेसमेंट की गति धीमी, 2018 में पहली बार आई थी कंपनी; पढ़ें पूरी रिपोर्ट
दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज में प्लेसमेंट की गति धीमी, 2018 में पहली बार आई थी कंपनी; पढ़ें पूरी रिपोर्ट

दरभंगा, जेएनएन। दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग  में प्लेसमेंट की गति काफी धीमी है। इस कारण यहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को भारी परेशानी हो रही है। याद रहे कि 2008 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कॉलेज का उद्घाटन किया था। इस कॉलेज को आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी पटना से संबद्ध प्राप्त है। कॉलेज को पहले जगन्नाथ मिश्रा प्रौद्योगिकी संस्थान के रूप में जाना जाता था। 2008 में इस कॉलेज का नया नाम दरभंगा कॉलेज  ऑफ इंजीनियरिंग  दिया गया। इंजीनियरिंग  कॉलेज में सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री दी जाती है। कॉलेज में प्रति कोर्स लगभग 65 और कुल 252 छात्र-छात्रााओं का नामांकन होता है। बता दें कि 2008 से अबतक कॉलेज से आठ बैच पास आउट हुई है। इसमें लगभग 2016 छात्र-छात्राएं शामिल हुए हैं। लेकिन अबतक सिर्फ 27 छात्रों का ही प्लेसमेंट हुआ है। 

loksabha election banner

2018 में आई पहली कंपनी नहीं हुआ एक भी प्लेसमेंट 

कॉलेज में पहली बार वर्ष 2018 में लेट््सवेंचर नाम की एक कपंनी प्लेसमेंट के लिए पहुंची थी। लेकिन कुछ मानकों के कारण इंजीनियरिंग  कॉलेज से एक भी छात्रओं का प्लेसमेंट नहीं हो सका। कंपनी खाली हाथ चली गई थी। वहीं 2018-19 में कुल नौ और 2019-20 में 18 छात्र-छात्राओं का प्लेसमंट हुआ। 2008 से लेकर अबतक इंजीनियरिंग कॉलेज से मात्र 27 छात्रों का ही प्लेसमेंट हो सका है। 

2018 तक शून्य रहा कैंपस प्लेसमेंट 

इंजीनियरिंग कॉलेज में 2018 से पूर्व एक भी छात्रों का प्लेसमेंट नहीं हुआ था। विगत दो वर्षों के अंदर कॉलजे ने कंपनियों के मानकों को पूरा की है। 2019 और 2020 में कुल 27 छात्रों का प्लेसेमेंट हुआ है। बता दें कि देशभर में चार हजार से अधिक पंजीकृत इंजीनियरिंग संस्थान हैं, जो प्रति वर्ष अनुमानित दस लाख इंजीनियर तैयार करते हैं। लेकिन उनमें से केवल आधे ही कैंपस प्लेसमेंट के जरिये नौकरी पाने में सफल होते हैं। 

इस बारे में दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग  के नियोजन एवं प्रशिक्षण पदाधिकारी विष्णु सिंह ने कहा कि कैंपस प्लेसमेंट के मामले में बीते दो वर्षों के अंदर कॉलजे ने बेहतर प्रदर्शन स्थापित किया है। बहुत सारी कंपनियां कैंपस सेलेक्शन को ले कॉलेज पहुंची है। 2018-19 और 2019-20 में कुल 27 छात्रों का प्लसेमेंट देश के विभिन्न कंपनियों में हुई है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.