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    Muzaffarpur News: ठंड में फलेगी परवल की नई प्रजाति, एक एकड़ में 8-10 टन उपज

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 05:22 AM (IST)

    मुजफ्फरपुर में परवल की एक नई प्रजाति विकसित की गई है जो ठंड के मौसम में भी फल देगी। इस नई किस्म से किसानों को काफी फायदा होगा क्योंकि इसकी उपज प्रति ए ...और पढ़ें

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    अपने खेत में तैयार परवल को दिखाते सोनू निगम कुमार

    अमरेन्द्र तिवारी, मुजफ्फरपुर। सकरा प्रखंड में विकसित परवल की नई किस्म पर कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण द्वारा अध्ययन किया जा रहा है। इस किस्म को विकसित करने वाले सकरा के मछही गांव निवासी उद्यान रत्न किसान सोनू निगम कुमार को दिल्ली स्थित पूसा में आयोजित नवोन्मेषी कृषक कन्वेंशन में अपने अनुभव साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है।

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    भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली के संयुक्त निदेशक (प्रसार) डॉ. रवींद्र पड़ारिया ने किसान सोनू निगम को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बुलाया है। उत्तर बिहार के वह पहले किसान हैं, जिनके द्वारा विकसित परवल का चयन किया गया है। इस किस्म का नाम सोनू निगम रखा गया है। यह परवल आकार में बड़ा होता है और यह ठंड के मौसम में भी फलन करता है।

    बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के बागवानी विभाग ने पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण को इसे भेजा था। इस पर अध्ययन चल रहा है। 23 और 24 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित विभिन्न विभागों के मंत्री और वरिष्ठ विज्ञानी शामिल होंगे। किसान सोनू निगम वर्ष 2019 से परवल पर शोध कर रहे हैं।

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    (अपने खेत में उगाए गए परवल की लंबाई मापते उद्यान रत्न सोनू निगम कुमार)

    2022 में उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली में अपने शोध की जानकारी दी थी। इसके बाद शोध में किए गए दावों की जांच के लिए आइसीएआर ने परवल की लताएं मंगाई थीं। शोध से जुड़े दस्तावेज और परवल की लताएं लेकर वह दिल्ली गए। इस परवल की खासियत यह है कि फल मुलायम और लगभग 15 सेंटीमीटर तक लंबा होता है। इसमें बीज बहुत कम होते हैं, जिससे सब्जी जल्दी तैयार होती है और स्वाद बेहतर आता है।

    एक एकड़ में 10 टन उपज

    किसान सोनू निगम ने बताया कि इस परवल की रोपाई अक्टूबर माह से शुरू की जाती है। इसकी लताएं मजबूत होती हैं और पौधों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक पाई गई है। सामान्य किस्मों की तुलना में इसमें कीटनाशकों का प्रयोग कम करना पड़ता है, जिससे खेती की लागत घटती है। एक एकड़ में लगभग आठ से 10 टन तक उपज प्राप्त हो रही है। बाजार में इसके दाम सामान्य परवल से पांच से 10 रुपये प्रति किलो अधिक मिल रहे हैं। इसे एक सप्ताह तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

    यह जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है। यहां के किसान द्वारा विकसित नई परवल किस्म पर अध्ययन किया जा रहा है। आने वाले दिनों में यह किस्म किसानों के लिए काफी लाभकारी होगी। -सुधीर कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, सकरा।