Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    BRA Bihar University: कालेजों में एक लाख में से 2200 विद्यार्थियों का ही अपलोड किया गया है परीक्षा फार्म

    By Dharmendra Kumar SinghEdited By:
    Updated: Fri, 24 Jun 2022 05:07 PM (IST)

    BRA Bihar University कालेजों को फार्म सत्यापन के लिए दी जाती है राशि फ‍िर कर्मचारी बरत रहे लापरवाही। 2200 विद्यार्थियों का परीक्षा फार्म ही अपलोड किया गया। 30 के बाद किसी भी हाल में फार्म भरने की तिथि नहीं बढ़ेगी एक महीने से चल रही है प्रक्रिया।

    Hero Image
    बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कालेजों की ओर से लापरवाही बरती जा रही। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    मुजफ्फरपुर, जासं। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कालेजों की ओर से परीक्षा फार्म भरवाने में लगातार लापरवाही बरती जा रही है। इस कारण विश्वविद्यालय को समय परीक्षाओं के आयोजन में लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्नातक सत्र 2019-22 के द्वितीय वर्ष का परीक्षा फार्म पिछले एक महीने से कॉलेजों में भरा जा रहा है। इस बार फार्म में विश्वविद्यालय की ओर से ही सभी जानकारियां भरी हुई हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कालेजों को सिर्फ उसे प्रिंट कर छात्रों से सत्यापित करवाना है कि जानकारियां सही है। इस कार्य में एक महीना बीत गया और अबतक एक लाख से अधिक विद्यार्थियों में से महज 2200 का ही फार्म विश्वविद्यालय को भेजा गया है । विश्वविद्यालय का कहना है कि एक महीने का समय फार्म भरने के लिए दिया जा चुका है । 30 जून के बाद किसी भी हाल में कालेजों को मौका नहीं मिलेगा । ऐसे में यदि कोई विद्यार्थी परीक्षा से वंचित होंगे इसके लिए कालेज को जिम्मेदार माना जायेगा । बता दें कि इससे पहले की कई परीक्षाओं में कालेजों ने जो फॉर्म सत्यापित कर भेजा है, उसमें भी महज खानापूरी की गई है। जबकि फार्म सत्यापित करने के लिए कालेजों को प्रति छात्र राशि दी जाती है। सत्यापन में गड़बड़ी के कारण विद्यार्थियों का परीक्षाफल भी पेंडिंग हो जाता है।

    समय से परीक्षा कराने का है दबाव , कालेज नहीं कर रहे सहयोग 

    विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डा.संजय कुमार का कहना है कि सरकार की ओर से ससमय परीक्षाओं का आयोजन करा उसका रिजल्ट देने का आदेश दिया गया है। वही कॉलेजों की ओर से परस्पर सहयोग नहीं मिल रहा है । इस कारण सत्र को नियमित करने में बाधा आ रही है । अगले छह महीने में 2022 तक की सभी लंबित परीक्षाएं आयोजित कर उसका परिणाम भी देना है। ऐसे में कालेजों को भी अपनी कार्यशैली में बदलाव लाना होगा।