जानकी नवमी पर सीतामढ़ी का निमंत्रण मिलने पर अयोध्या के साधु-संत निहाल
सीतामढ़ी। श्रीजानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति के तत्वावधान में जानकी जन्मभूमि से गए 45 जानकी पुत्रों के दल ने अयोध्या में विभिन्न संत-महंतों को सीतामढ़ी आने का निमंत्रण दिया है।

सीतामढ़ी। श्रीजानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति के तत्वावधान में जानकी जन्मभूमि से गए 45 जानकी पुत्रों के दल ने अयोध्या में विभिन्न संत-महंतों को सीतामढ़ी आने का निमंत्रण दिया है। दल की ओर से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास, हनुमानगढ़ी के महंत धर्मदास महाराज, कारसेवकपुरम में पुरुषोत्तमजी, रामवल्लभ कुंड के महंत राजकुमार दास अधिकारी, गोला घाट के महंत सियाकिशोरी शरण दास, हनुमानगढ़ी के कल्याण दास महाराज, दशरथ महल के महंत देवेंद्राचार्य महाराज, महंत रामविलास वेदांती पूर्व सांसद, कनक भवन में दिनेश पुजारी समेत अन्य साधु संतों से मिलकर सीतामढ़ी की तरफ मिठाई का दउरा देकर मिथिला का पाग व अंगोछा पहनाकर सम्मानित किया। समिति के मीडिया प्रभारी राजेश कुमार सुंदरका ने कहा कि अध्यक्ष आलोक कुमार एवं संयोजक अमित कुमार गोल्डी की देखरेख में दल के रीतेश कुमार लक्ष्मण शरण', चंदन कुमार, आशुतोष कुमार, धीरज कुमार, आशीष व्याहुत, डॉ. राजेश सुमन, प्रदीप गुप्ता, अमरेन्द्र कुमार, राहुल रंजन, अनिल शर्मा, संतोष कुमार, सूरज कुमार, बेचन जय नारायण साह, पवन सिंह, रोहन सिंह, चंदन कुमार, नीरज प्रकाश, आशुतोष कुमार समेत सभी सदस्यों ने आग्रह किया कि 10 मई को जानकी नवमी पर सीतामढ़ी पधारें और महोत्सव में शामिल हो। ताकि, अयोध्या व सीतामढ़ी के नागरिकों के बीच सीधा संवाद हो। सभी साधु-संतों ने निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार करते हुए सीतामढ़ी के विकास और प्रगति की कामना की। इस दौरान जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति के सदस्यों की ठहरने व भोजन की व्यवस्था संत सुकदेव दास महाराज द्वारा बगही मठ के संस्थापक संत बाबा तपस्वी नारायण दास महाराज द्वारा स्थापित राम नाम आश्रम, फटिकशिला, अयोध्या में की गई।
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