अब ट्रेन से करें जयनगर से जनकपुर तक की यात्रा, यहां देखें पूरा किराया चार्ट
दो अप्रैल को भारत व नेपाल के प्रधानमंत्री दिल्ली से वर्चुअल हरी झंडी दिखा करेंगे शुभारंभ। ट्रेन परिचालन शुरू होने के बाद जनकपुर जाने वाले यात्रियों को काफी सुविधा होगी। खासकर विवाह पंचमी जैसे मौकों पर लोगों को काफी सुविधा होगी।

जयनगर (मधुबनी), संस। भारत के जयनगर से नेपाल के कुर्था तक दो अप्रैल से शुरू होने वाली सवारी गाड़ी को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही हैं। जयनगर रेलवे स्टेशन पर मंच बनाने के साथ-साथ सभी भवनों का रंग-रोगन चल रहा है। गुरुवार को ट्रेन को फूलों से सजाया जाएगा। नेपाल व भारत के प्रधानमंत्री दिल्ली से वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर इस रेलमार्ग पर सवारी गाडिय़ों के परिचालन का शुभारंभ करेंगे। आम यात्रियों के अलावा नेपाल स्थित जनकपुर की यात्रा करने वाले लोगों को इससे सुविधा होगी। इस रेलखंड पर ट्रेन परिचालन का काम फिलहाल कोंकण रेलवे के अधिकारी व कर्मी करेंगे। 26 अधिकारी और कर्मी जयनगर स्टेशन पर इस बाबत कार्यों की अंतिम रूप देने में जुटे हैं। नेपाल रेलवे के अधिकारी एवं कर्मी गुरुवार से नेपाली रेलवे समेत अन्य स्टेशनों पर कार्यभार संभालेंगे। नेपाल रेलवे ने कोंकण रेलवे से पांच डिब्बों वाली एक जोड़ी डेमू टे्रन करीब डेढ़ साल पहले खरीदी थी। उद्घाटन के लिए बुधवार को ट्रेन की धुलाई की गई।
डीजल और सफाई भारतीय रेलवे के जिम्मे
डीजल भरने और मेंटेनेंस का कार्य अभी भारतीय रेलवे करेगा। जयनगर रेलवे स्टेशन परिसर स्थित डिपो से डीजल भरने का कार्य होगा।
यह है किराया
विभिन्न स्टेशनों का किराया निर्धारित कर दिया गया है। नेपाल रेलवे की ओर से इसकी सूची जारी कर दी गई है, हालांकि चार्ट चस्पा नहीं किया गया है। जयनगर से कुर्था तक सामान्य श्रेणी का किराया 56.25 जबकि एसी का 281.25 रुपये निर्धारित किया गया है। जयनगर से जनकपुर का सामान्य श्रेणी का किराया 43.75 और एसी का 218.75 रुपये है। नेपाल के इनरवा जनकपुर का सामान्य 37.50 और एसी 187.50 रुपये है। खजुरी स्टेशन से जनकपुर का सामान्य 34.37 और एसी 171.87, महिनाथपुर से जनकपुर का सामान्य श्रेणी का 21.87 और एसी 109.37, वैदेही से जनकपुर का सामान्य श्रेणी का 15.62, एसी 78.12 रुपये, परवाहा से जनकपुर का सामान्य श्रेणी 12.50 और एसी 62.50 रुपये किराया है।
वर्ष 1937 में जयनगर से नेपाल के बिजलपुरा तक 50 किमी में ट्रेन सेवा की शुरुआत हुई थी। वर्ष 2001 में नेपाल में आई बाढ़ से जनकपुर और बिजलपुरा के बीच रेल पुल ध्वस्त हो गया था। भारत सरकार ने भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना के तहत वर्ष 2010 में इसे बड़ी लाइन में बदलने की योजना बनाई। जयनगर से बर्दीबास तक (65 किमी) काम करने का निर्णय लिया गया। जिम्मेदारी भारत सरकार के उपक्रम इरकान इंटरनेशनल को मिली। वर्ष 2014 में ट्रेनों का परिचालन बंद कर निर्माण शुरू हुआ। प्रथम चरण में जयनगर से कुर्था तक 31 किमी में काम हो गया है। इतनी दूरी में पांच स्टेशन (जयनगर, इनरवा, खजुरी, वैदेही और कुर्था) और तीन हाल्ट (महिनाथपुर, परवाहा और जनकपुर) बनाए गए हैं। इस पर करीब 819 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

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