अब ई-अश्विन पोर्टल के माध्यम से होगा आशा की प्रोत्साहन राशि का भुगतान
अब प्रोत्साहन राशि के लिए आशाÓ को नहीं लगाने होंगे पीएचसी के चक्कर। उन्हें पोर्टल पर अपलोड करना होगा अपने कार्यों का विवरण। फिर राज्य स्तर से ही प्रोत्साहन राशि का भुगतान उनके बैंक खाते में कर दिया जाएगा।
शिवहर, जेएनएन। : स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत 'आशा' को अब प्रोत्साहन राशि के लिए पीएचसी का चक्कर नहीं लगाना होगा। सरकार ने उन्हें मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के भुगतान के लिए ई-अश्विन पोर्टल का शुभारंभ किया है। इसके माध्यम से राज्य स्तर से ही आशा के प्रोत्साहन राशि का भुगतान उनके बैंक खाते में किया जाएगा। इससे आशा को ससमय प्रोत्साहन राशि का भुगतान हो सकेगा। वहीं प्रोत्साहन राशि के लिए पीएचसी कार्यालयों का चक्कर लगाने से निजात मिऐगी। इसके लिए सभी आशा को अपने कार्यों से संबंधित ब्योरा ई-अश्विन पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
सिविल सर्जन डॉ. आरपी सिंह ने कहा कि ई-अश्विन पोर्टल के माध्यम से आशा को प्रोत्साहन राशि के भुगतान के लिए सभी आशा, एएनएम, आशा फैसिलिटेटर व बीसीएम को जरूरी प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। पोर्टल के माध्यम से भुगतान के लिए समय-सीमा का निर्धारण किया गया है, ताकि प्रोत्साहन राशि के भुगतान में पूरी पारदर्शीता बरती जा सके।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी आशा वर्कर परफारमेंस एंड इंसेंटिव पोर्टल के माध्यम से आशा अपना कार्य संबंधी विवरण पोर्टल पर अपलोड करेंगी। यह डाटा संबंधित आशा फैसिलिटेटर, एएनएम और बीसीएम के सत्यापन के बाद इसका सत्यापन बीएचएम द्वारा किया जाएगा। इसके बाद पीएचसी प्रभारी के माध्यम से पोर्टल के जरिए प्रोत्साहन राशि के भुगतान के लिए राज्य सरकार को उपलब्ध करा दिया जाएगा।
सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य व पोषण संबंधी गतिविधियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में आशा की भूमिका महत्वपूर्ण है। ग्राम स्वास्थ्य व पोषण दिवस के आयोजन में आशा की भूमिका प्रमुख है। बच्चों को टीकाकरण के लिये केंद्र पर लाने, आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती माताओं की सभी जरूरी जांच सुनिश्चित कराने के साथ-साथ सुरक्षित मातृत्व व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के कार्यों में भी आशा की भूमिका हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव में हर संभव सहयोग के साथ-साथ गांवों में स्वच्छता, सुरक्षित मातृत्व, परिवार कल्याण व पोषण संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियों को लेकर लोगों को जागरूक करने के कार्य में आशा की भूमिका होती है।