50 हजार का इनामी कुख्यात वंशी चौधरी उर्फ पतरूआ पश्चिम चंपारण से गिरफ्तार
West Champaran News एक दर्जन से अधिक अपहरण हत्या व डकैती के बदमाश को तलाश रही थी बेतिया पुलिस नेपाल और यूपी में आलीशान घर बनाकर रहता है वंशी चौधरी वर्ष 2019 में बगहा पुलिस के दो मामलों में किया था आत्मसमर्पण।

पश्चिम चंपारण, जासं। दो दर्जन से अधिक मामलों में वांछित और 50 हजार के इनामी बदमाश वंशी चौधरी उर्फ काशी चौधरी उर्फ पतरूआ को नवलपुर पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। वह यूपी से अपने घर नवलपुऱ थाना क्षेत्र के ढढवा गांव आ रहा था। रास्ते में पहले से जाल बिछाई पुलिस ने नवलपुर बाजार के समीप दबोच लिया। हालांकि पतुरूआ हाल में हीं जेल से जमानत पर मुक्त हुआ था। बताया जाता है कि उसने वर्ष 2019 में बगहा पुलिस जिले के दो अपराधिक मामले में आत्मसमर्पण किया था। करीब डेढ़ वर्ष बगहा उपकारा में रहने के बाद उसे कैमूर जेल में ट्रांसफर किया गया था।
बगहा पुलिस जिला के दो अपहरण कांडों में जमानात मिलने के बाद मुक्त हुआ था। एसी उपेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि हत्या, डकैती, लूट , बलात्कार, फिरौती के लिए अपहरण समेत दर्जनों कांड में फरार बदमाश बंशी चौधरी को पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। नवलपुर थानाध्यक्ष अजय कुमार ङ्क्षसह के नेतृत्व में पुलिस ने टीम बदमाश को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के डर से नेपाल भाग गया था। उल्लेखनीय है कि 25 वर्ष पहले कुख्यात पतरूआ का योगापट्टी, चौतरवा, गौनाहा, रामनगर, बगहा एवं गोवर्धना में आतंक था। कुख्यात ध्रुव चौधरी गिरोह का दुर्दांत व सबसे क्रुर बदमाश था।
कुख्यात पतरूआ का नाम सुन डर जाते थे व्यवसायी और किसान
करीब दो दशक से दियारे में आतंक का पर्याय रहे वंशी चौधरी उर्फ काशी चौधरी उर्फ पतरुआ का नाम सुनकर दियारे के लोग डर जाते थे। यह ध्रुव चौधरी गिरोह का सबसे क्रूर बदमाश था। नवलपुर बाजार में बदमाशों के गिरोह ने 25 वर्ष पूर्व दिनदहाड़े फायङ्क्षरग की थी और लूटपाट किया था। ढढवा गांव के ध्रुव नारायण राव पर गोली चलाई थी। ढढवा पंचायत के सरपंच बेदांती यादव ने बताया कि यह दियारे का आतंक था। इसके डर से लोग दियारे में जाने से कांपते थे। साधन- संपन्न लोग तो तो दियारे से अपना ठिकाना तोड़ लिए थे। यह कुख्यात ध्रुव चौधरी का बॉडी गार्ड था। जिले में फिरौती के लिए अपहरण, डकैती आदि घटनाओं को अंजाम देने वाले गिरोह पर पुलिस का शिकंजा कसने के बाद बंशी चौधरी यहां से फरार हो गया था। पिछले एक दशक से नेपाल व यूपी में अपना ठिकाना बनाया था।
योगेंद्र मल्लाह गिरोह में पतरूआ हुआ शामिल
बताया जाता है कि करीब 18 वर्ष पहले कुख्यात ध्रुव चौधरी नेपाल में मारा गया। उसके बाद पतरुआ बौखला गया था। गिरोह के अन्य साथी भी कुख्यात ध्रुव चौधरी के मारे जाने के बाद तितरबितर हो गए थे। उसके बाद पतरूआ कुख्यात योगेंद्र मल्लाह गिरोह का सदस्य बन गया । लेकिन बहुत दिनों तक यह गिरोह नहीं चला। योगेंद्र चौधरी की गिरफ्तारी होक गई। उसके बाद गिरोह बिखर पूरी तरह से बिखर गया। कुछ दिनों तक पतरूआ खुद का गिरोह भी संचालित किया। बाद में नई सरकार बनने पर पुलिस की सख्ती बढ़ी तो पतरूआ अपना जान बचाने के लिए नेपाल में अपना ठिकाना बना लिया।
यूपी में भी पतरूआ का घर
बताया जाता है कि पतरूआ का एक घर सीमावर्ती यूपी के किसी शहर में है। पुलिस पता लगा रही है कि यूपी में पतरूआ ने कहां अपना ठिकाना बनाया है। इसके परिवार के सदस्य यूपी में ही रहते हैं। बताया जाता है कि यूपी से वह अपने गांव ढढवा आ रहा था। उसी दौरान नवलपुर थानाध्यक्ष अजय कुमार ङ्क्षसह के नेतृत्व में पीटीसी सिपाही तकदीर अहमद, सिपाही भानू प्रताप सिंह, सिपाही सुनील कुमार ने नवलपुर बाजार के रास्ते में उसे दबोच लिया।
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