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    Bihar: हमले के लिए PFI ट्रेनर ने जमा किए थे गोला-बारूद, इंजीनियर बनना चाहता था पर देने लगा आतंकी ट्रेनिंग

    PFI trainer arrested पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) का मास्टर ट्रेनर याकूब खान ने पुलिस से बचने के लिए बिहार के कई शहरों को ठिकाना बनाया था। याकूब ने बताया कि वह इंटर पास कर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहता था। इसी बीच वह चकिया निवासी पीएफआई के सचिव के संपर्क में आया और युवाओं को आतंकी प्रशिक्षण देने लगा।

    By Jagran NewsEdited By: Roma RaginiUpdated: Fri, 21 Jul 2023 02:22 PM (IST)
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    Bihar: हमले के लिए PFI ट्रेनर ने जमा किए थे गोला-बारूद

    जागरण टीम, पटना/ मुजफ्फरपुर। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) का मास्टर ट्रेनर याकूब खान उर्फ सुल्तान पुलिस से बचने के लिए हर महीने ठिकाना बदल रहा था। पिछले छह महीने में वह नेपाल से लेकर मुंबई की धारावी तक छिपकर रहा।

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    इसके अलावा उत्तर बिहार के भी कई शहरों में रहने वाले रिश्तेदारों के घरों को ठिकाना बनाया। इसी बीच, वह पूर्वी चंपारण के चकिया पहुंचा। जिसकी गुप्त सूचना मिलने पर बिहार पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

    केंद्र सरकार के पीएफआइ पर प्रतिबंध लगाने के बाद याकूब एफआइआर में नामित आरोपी रेयाज, मो. आरिफ और उसके सहयोगियों मो. बेलाल उर्फ इरशाद व अफरोज के संपर्क में था। इस साल फरवरी की शुरुआत से ही उसकी तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही थी, मगर वह फरार था।

    राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के अनुसार, याकूब वॉट्सएप के माध्यम से दुबई स्थित सहयोगी मो. सज्जाद आलम के साथ भी संपर्क में था। याकूब ने सबसे पहले बेतिया जिले में अपनी चाची के पास शरण ली और उसके बाद नेपाल भाग गया। पोखरा में वह पीएफआइ कांड के एक अन्य आरोपित मो. इरशाद आलम के साथ छिप गया।

    पीएफआइ मामले में जब इस साल 18 मार्च को आरोपित इरशाद को पुलिस ने पकड़ लिया तो याकूब मुंबई चला गया और वहां धारावी में अपनी एक मौसी और दोस्त के यहां रहने लगा। इसके बाद वह अप्रैल में मुंबई से बिहार लौटा और यहां पूर्वी चंपारण, सीतामढी और मुजफ्फरपुर जिलों में अपने दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ रहने लगा।

    गिरफ्तारी के दौरान कर रहा था प्रेमिका से बात

    गिरफ्तारी के दौरान याकूब अपनी प्रेमिका से मोबाइल पर बात कर रहा था। इसी दौरान टावर लोकेशन के आधार पर उसे पकड़ा गया। पूछताछ में याकूब ने बताया कि वह इंटर पास कर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहता था। उसने नामांकन भी कराया था।

    उसके पिता मोहम्मद अयूब खान की इच्छा थी कि पुत्र डॉक्टर बने लेकिन पांच साल पहले चकिया थाना क्षेत्र के कुअवा गांव निवासी पीएफआइ के राज्य सचिव रेयाज मारुफ के संपर्क में आने के बाद वह युवाओं को प्रशिक्षण देने लगा।

    हमले के लिए याकूब ने जमा किए थे गोला-बारूद

    एनआइए की अब तक की जांच से पता चला है कि 22 साल के याकूब खान पीएफआइ का विशेषज्ञ हथियार प्रशिक्षक था। उसने संगठन के आक्रामक और हिंसक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कई प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए थे। उसने बदला लेने और सांप्रदायिक नफरत फैलाने की साजिश के तहत एक विशेष समुदाय के युवक पर हमला करने के लिए हथियारों और गोला-बारूद की व्यवस्था की थी।

    समुदायों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेट मीडिया पर भी विवादास्पद वीडियो अपलोड किया था। एनआइए ने याकूब के सिम कार्ड और मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं और आगे के सुराग के लिए उनकी जांच कर रही है।

    जांच में पता चला है कि पीएफआइ पर प्रतिबंध के बावजूद उसके सदस्य सक्रिय हैं और छिपकर अपने एजेंडे पर काम कर रहे हैं।

    एनआइए की अदालत ने भेजा जेल

    NIA ने याकूब को विशेष अदालत में गुरुवार को पेश किया। विशेष अदालत ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में 27 जुलाई तक के लिए जेल भेज दिया। यह मामला फुलवारीशरीफ थाना कांड संख्या 827/22 से जुड़ा है। प्राथमिकी 12 जुलाई 2022 को की गई थी।

    एनआइए इस मामले को अलग से कांड संख्या आरसी 31/22 के रूप में दर्ज कर अनुसंधान कर रही है। पीएफआइ मामले में अब तक 15 गिरफ्तार, चार पर चार्जशीट याकूब की गिरफ्तारी के साथ पीएफआइ मामले में अब तक कुल 15 आरोपित पकड़े जा चुके हैं।

    मोबाइल और सिम कार्ड जब्त

    इन सभी के पास से एनआइए ने मोबाइल, सिम कार्ड समेत कई डिजिटल उपकरण बरामद किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। इसी साल सात जनवरी को पीएफआइ कांड के चार आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट सौंपी जा चुकी है।

    पिछले साल 12 जुलाई को पटना के फुलवारीशरीफ में पीएफआइ की देशविरोधी गतिविधियों का पर्दाफाश हुआ था, जिसके बाद 22 जुलाई को एनआइए ने मामले की जांच संभाली थी।