SKMCH में नवजात की मौत के शव वाहन के लिए 4 घंटे भटकते रहा पिता, उपाधीक्षक के हस्तक्षेप पर मिली मदद
मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में एक नवजात शिशु की मृत्यु हो गई, जिसके बाद परिवार को शव वाहन के लिए घंटों भटकना पड़ा। परिजनों ने बताया कि उन्हें अस्पताल परिसर में चार घंटे तक इंतजार करना पड़ा। शिकायत के बाद उपाधीक्षक के हस्तक्षेप से उन्हें शव वाहन मिला। बच्चे का जन्म 11 साल बाद हुआ था और इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।

शव वाहन के लिए 4 घंटे भटकते रहा पिता
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। एसकेएमसीएच की एनआईसीयू में इलाज के दौरान एक नवजात की मौत हो गई। शव ले जाने के लिए स्वजन शव वाहन की सुविधा लेने को अस्पताल परिसर में घंटों भटकते रहे।
मामले की शिकायत उपाधीक्षक डॉ. सतीश कुमार सिंह से की। उनके आदेश के बाद हेल्थ मैनेजर ने स्वजन को शव वाहन उपलब्ध कराया।
बताया जा रहा कि नवजात सीतामढ़ी जिले के बलहा रसूलपुर गांव के रंजीत राम का था। रंजीत राम ने बताया कि शव वाहन उपलब्ध न होने की वजह से अस्पताल परिसर में करीब चार घंटे तक उसे भटकना पड़ा। शादी के 11 साल बाद पुत्र ने जन्म लिया था।
इलाज के दौरान मौत
जन्म लेने के बाद बच्चा की तबीयत बिगड़ने पर वह एनआइसीयू में भर्ती कराया था। इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई। शव वाहन की तलाश में कंट्रोल रूम आए थे। यहां शव वाहन का ड्राइवर कक्ष से लेकर मैनेजर चेंबर तक घंटों चक्कर लगाते रहे, परंतु किसी ने मदद नहीं की। सभी एक दूसरे के पास भेजते रहे।
अंत में मामले की शिकायत अस्पताल के अधीक्षक से की। शिकायत के बाद ही उन्हें शव वाहन उपलब्ध कराया गया। रंजीत ने बताया कि उसकी शादी 11 साल पहले पिंकी देवी से हुई थी। उपाधीक्षक डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि सूचना मिली है। देर शाम उसे शव वाहन मुहैया करा दिया गया है।

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