सकरा और बरियारपुर को मिले नए थानाध्यक्ष, शराब तस्करी और भूमि विवाद पर नकेल कसने की चुनौती
सकरा विधानसभा क्षेत्र में दो नए थाना प्रभारियों की नियुक्ति हुई है। सुखविन्द्र को सकरा और अरविंद कुमार को बरियारपुर थाने की जिम्मेदारी मिली है। उनके सामने अपराध नियंत्रण और अनसुलझे मामलों को सुलझाने की चुनौती है। क्षेत्र में शराब तस्करी और भूमि विवाद बड़ी समस्याएं हैं जिनसे निपटना नए अधिकारियों की प्राथमिकता होगी। जनता को सुरक्षा और न्याय की उम्मीद है।

संवाद सहयोगी, सकरा। सकरा विधानसभा क्षेत्र की जनता को दो नये थानाध्यक्ष मिले हैं। पुलिस प्रशासन ने फेरबदल करते हुए सकरा थाना की कमान सुखविन्द्र को और बरियारपुर थाना की जिम्मेदारी अरविंद कुमार को सौंपी है। दोनों अधिकारियों के सामने अपराध पर नियंत्रण और अनसुलझे मामलों को सुलझाने की चुनौती होगी।
पूर्व थानाध्यक्षों का कार्यकाल
सकरा में करीब तीन वर्षों तक राजु कुमार पाल और बरियारपुर में चांदनी कुमारी सांवरिया थानाध्यक्ष रहे। दोनों ने कई मामलों में अपराधियों पर कार्रवाई की और अपराध नियंत्रण की दिशा में पहल भी की। इसके बावजूद हत्या और भूमि विवाद जैसे गंभीर मामले पूरी तरह सुलझा नहीं पाए।
शराब तस्करी बनी गंभीर समस्या
क्षेत्र में शराब तस्करों का दबदबा सबसे बड़ी समस्या बनी रही। स्थानीय परचून दुकानदारों को साथ मिलाकर माफियाओं ने धंधा जारी रखा। कई बार कार्रवाई होने के बावजूद यह धंधा रुक नहीं पाया। नये थानाध्यक्षों को सबसे पहले इस जाल को तोड़ने की चुनौती होगी, ताकि युवा पीढ़ी पर इसका दुष्प्रभाव रोका जा सके।
भूमि विवाद और हत्या के मामले
सकरा और बरियारपुर में भूमि विवाद लंबे समय से तनाव का कारण रहे हैं। कई बार ये विवाद हिंसक झड़प और हत्या तक पहुंच जाते हैं। अनसुलझे हत्या के मामलों का निष्पादन और भूमि विवादों का निपटारा नए थानाध्यक्षों की प्राथमिकता होगी। इसके लिए पुलिस को न केवल सख्ती दिखानी होगी, बल्कि जनप्रतिनिधियों के साथ तालमेल भी बनाना पड़ेगा।
दलालों से दूरी, जनता से नजदीकी
क्षेत्र में कुछ दलाल लंबे समय से सक्रिय हैं, जो अपने स्वार्थ के लिए पुलिस और जनता के बीच भ्रम की स्थिति पैदा करते हैं। नए थानाध्यक्षों को इनसे बचकर सीधे जनता के साथ जुड़ना होगा। तभी पुलिस पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा और अपराधियों पर लगाम कसी जा सकेगी।
जनता की उम्मीदें
ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस प्रशासन से उनकी पहली अपेक्षा सुरक्षा और न्याय है। शराब तस्करी पर सख्ती, भूमि विवाद का समाधान और हत्या जैसे मामलों की गुत्थी सुलझाने से ही लोगों का विश्वास मजबूत होगा। जनता चाहती है कि पुलिस अपराधियों को संरक्षण देने वाले नेटवर्क पर भी नकेल कसे।
आने वाले दिनों की राह
सुखविन्द्र (सकरा) और अरविंद कुमार (बरियारपुर) के सामने कठिन राह है। अपराधियों पर शिकंजा कसना, शराब माफियाओं पर कार्रवाई करना और अनसुलझे मामलों को अंजाम तक पहुंचाना ही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। क्षेत्र की निगाहें अब पूरी तरह इन दोनों अधिकारियों पर टिकी हैं कि वे कितनी जल्दी जनता की उम्मीदों पर खरे उतरते हैं।
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