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    दुकान खोलने से पहले करना होगा यह काम, नहीं तो जुर्माना, मुजफ्फरपुर नगर निगम का मामला

    By Ajit KumarEdited By:
    Updated: Fri, 11 Feb 2022 05:15 PM (IST)

    New Guideline For Shopkeeper मुजफ्फरपुर में प्रतिष्ठान में डस्टबीन नहीं रखने पर 500 रु. प्रतिदिन जुर्माना। महापौर की अध्यक्षता में नगर निगम सशक्त स्थायी समिति की बैठक। बैठक में चर्चा के लिए महापौर ने रखा एक दर्जन एवं नगर आयुक्त ने तीन दर्जन प्रस्ताव।

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    बैठक में विकास योजनाओं पर लगातार बात होती रही। फाइल फोटो

    मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। नगर निगम सशक्त स्थायी समिति की मंजूरी मिली दुकान एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठान में डस्टबीन नहीं रखने वाले दुकानदारों एवं व्यवसायियों को जुर्माना भरना होगा। दुकानदारों को अपने स्वयं के खर्च पर दो-दो डस्टबीन रखना होगा। ऐसा नहीं करने वालों से प्रतिदिन पांच सौ रुपया जुर्माना वसूल किया जाएगा। वहीं मृत पशुओं के निष्पादन के लिए रौतनिया में गैस परिचालित शवदाह गृह का निर्माण किया जाएगा। नगर निगम के वाहनों में इधर भरने के लिए नगर निगम सीएनजी या डीजल पंप स्थापित करेगा। इस पर विचार के लिए 11 फरवरी को नगर निगम कार्यालय सभागार में महापौर ई. राकेश कुमार की अध्यक्षता में सशक्त स्थायी समिति की बैठक होगी। 

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    बैठक में चर्चा के लिए जहां महापौर ने अपनी ओर से एक दर्जन प्रस्ताव रखे है जबकि नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने भी तीन दर्जन प्रस्ताव रखे है। बैठक में जिन प्रमुख प्रस्तावों पर चर्चा होनी है उनके नगर आयुक्त द्वारा डस्टबीन नहीं रखने वाले दुकानदारों पर जुर्माना लगाने, रौतनिया में गैस परिचालित शवदाह गृह का निर्माण कराने, निगम के वाहनों के लिए अपना पेट्रोल पंप लगाने, निगम के सभी शाखा को कंप्यूटराइज करने, इंद्रा पार्क में सालों से पड़े घोटाला वाले आटो टिपर को अन्यत्र शिफ्ट करने, नगर निगम के सफाई कार्य से जूड़े सभी कर्मचारियों को बरसात देने, रौतनिया में निगम के वाहनों को रखने के लिए सेड का निर्माण का प्रस्ताव शामिल है। वहीं महापौर ने शहर के विकास योजनाओं में तेजी लाने एवं नई योजनाओं पर विचार का प्रस्ताव रखा है। 

    आई हास्पिटल को उपभोक्ता आयोग ने थमाया नोटिस

    मुजफ्फरपुर : मोतियाङ्क्षबद आपरेशन के दौरान आंख गंवाने के मामले में उपभोक्ता आयोग गंभीर है। सुनवाई के बाद आयोग ने नोटिस दिया है। पीडि़तों की ओर से आयोग में पैरवी कर रहे अधिवक्ता एसके झा ने बताया कि मोतियाङ्क्षबद आपरेशन के बाद आंख की रोशनी चली गई। यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन की अति गंभीर कोटि का मामला है। आयोग ने पांच अन्य पीडि़तों की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है।

    पिछले साल 22 नवंबर को आई हास्पिटल में मोतियाङ्क्षबद मरीजों का आपरेशन किया गया था। इसमें लापरवाही से कई मरीजों की आंख निकालनी पड़ी थी। अपनी आंख गंवाने वाले राममूर्ति ङ्क्षसह, हरेंद्र रजक, पन्ना देवी व प्रेमा देवी की ओर से जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष 10 लाख रुपये हर्जाना के लिए आई हास्पिटल के विरुद्ध परिवाद दायर किया गया था। इस पर 18 जनवरी को सुनवाई हुई थी। अब पुन: पांच अन्य पीडि़त भरत प्रसाद ङ्क्षसह, सुखदेव ङ्क्षसह, शत्रुघन महतो, भरत पासवान व सावित्री देवी ने न्याय पाने के लिए जिला उपभोक्ता आयोग का रुख किया है। आयोग ने पीडि़तों की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव, शल्य चिकित्सक एनडी साहू व ओटी असिस्टेंट के विरुद्ध नोटिस जारी किया गया है। इससे पीडि़तों में न्याय की उम्मीद जगी है।