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    Nepal Gen Z Protest: भारत-नेपाल सीमा पर दिखा सुरक्षाकर्मियों का शौर्य, शहर में पसरा रहा सन्नाटा

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 07:26 PM (IST)

    Nepal Gen Z Protest नेपाल के जेन-जी आंदोलन के बीच जारी सतर्कता निर्देशों के बीच गुरुवार की रात भारत-नेपाल सीमा पर स्थित पूर्वी चंपारण के रक्सौल में उत्पाद व मद्य निषेध विभाग के दफ्तरों में मिला ताला। जांच चौकियां भी रहीं खाली। सड़कों पर कहीं-कहीं स्थानों पर गश्त लगाती मिली पुलिस।

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    आबकारी थाना के पास पसरा सन्नाटा। जागरण

     अमरेंद्र तिवारी, इंडो-नेपाल बार्डर से। भारत-नेपाल को आपस में जोड़नेवाला पूर्वी चंपारण का शहर रक्सौल नेपाल में सुलगती जेन-जी आंदोलन की आग के बीच हाई-अलर्ट पर है। सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल, बिहार पुलिस, कस्टम समेत सभी सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी व जवान लगातार हर संदिग्ध गतिविधि को समाप्त करने के लिए जांच अभियान चला रहे।

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    सीमा पर लगता है कि काश, ये सख्त पहरा हर वक्त, हर तरफ हो ...! अति सुरक्षा घेरे वाले इलाकों में गुरुवार को सख्त पहरा लगाते जवान हर स्थिति से निबटने को तैयार है। इन सबके शहर सन्नाटे में और सुरक्षा ...! यह सन्नाटा नेपाल में जेन-जी आंदोलन के बाद बनी स्थितियों का प्रभाव था।

    वरना यह शहर पूरी रात जगता है। हम जहां (बाटा चौक पर) खड़े थे यह रक्सौल नगर का बाटा चौक था। यहां से उत्तर दिशा की ओर करीब पांच सौ मीटर चलने पर सीधे नेपाल की सीमा लग जाती है। दक्षिण व पश्चिम व पूर्व दिशा में रक्सौल रचा-बसा है।

    शहर की सुरक्षा के लिए थाना, ओपी ... नशेबाजी पर रोक को उत्पाद व मद्य निषेध विभाग की टीम हर पर सक्रिय रहती है, लेकिन गुरुवार की रात जब आधी से ज्यादा निकल गई थी तो उस वक्त सन्नाटे के बीच शहर सो रहा था।

    रक्सौल थाना में एक महिला सिपाही संतरी ड्यूटी बजा रही थी, इससे आगे सबकुछ ...! बाटा चौक पर पुलिस की एक गाड़ी गश्त लगा रही थी। पुलिस की टीम जहां पर गश्त लगा रही थी, वहां से नेपाल की दूरी महज तीन किलोमीटर।

    नेपाल में जेन-जी आंदोलन के बाद बनी परिस्थितियों के बीच हमारी गाड़ी शहर की ओर धीरे-धीरे बढ़ रही थी। मन में सुरक्षा के लिए आगे बढ़ रही हमारी गाड़ी आगे बढ़ी तो सड़क के बगल में स्थित रक्सौल थाने में महिला सिपाही दिखी, पोर्टिको पुलिस वाहन खड़ी थी।

    यहां से आगे कोइरियाटोला नहर चौक होते हुए नेपाल सीमा से सड़क के रास्ते कौड़ीहार चौक पर पहुंचे तो देखा सन्नाटे के बीच एक ई-रिक्शा लिए पहुंचे नोनेयाडीह के रंभू महतो बताने लगे- कड़ी चौकसी है। रात में न घूमिए।

    अभी हालात ठीक नहीं... रोजी-रोटी का संकट है। दिनभर में 150 रुपये ही कमाए हैं। शहरी सुरक्षा की बात पर बताया- स्टेशन से आ रहा हूं। पुलिस गश्त लगा रही है। न जाने क्यों इस चौराहे पर नहीं है। जबकि यहीं चौराहा आंदोलन के कारण इन दिनों शहर का मुख्य इंट्री प्वाइंट बना है।

    यहां से आगे बाइपास फ्लाई ओवर करीब साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी तय हो चुकी थी, लेकिन रास्ते में मिले चेक पोस्ट खाली दिखे और पुलिस की गश्त गाड़ी ...! यहां से दिल्ली-काठमांडू मुख्य मार्ग में रामगढ़वा की ओर करीब तीन किलोमीटर चलने के बाद घड़ी की सूई 2:30 बजाने लगी थी।

    मुख्य पथ के किनारे स्थित उत्पाद जांच चौकी बंद मिला। हालांकि यहां बल्ब की दुधिया रोशनी जरूर मिली। कार्यालय पर ताला, बाहर एक संतरी तक नहीं। इससे पहले बाटा चौक से सटे कार्यालय की भी वहीं हालत, यहां इतना जरूर दिखा कि बाहर से अधखुला दरवाजे की ओट एक कर्मी नींद में कुर्सी पर ...!

    यात्री मन ने मन बनाया औक भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण के चेक पोस्ट के रास्ते से होते हुए मैत्री पुल की ओर। रास्ते सड़क किनारे लगी मालवाहक वाहनों की लंबी कतार के बीच दो युवक मोबाइल पर गेम खेल रहे थे।

    ये दोनों उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद निवासी मो. जैद व मो. अयान थे। दोनों वहीं से फ्रिज की खेप लेकर नेपाल जाने के लिए लगे थे, लेकिन पांच दिनों से चेक पोस्ट से दूर कतार में अपना वाहन लगाकर बार्डर खुलने का इंतजार कर रहे थे।

    कहा-नेपाल के हालात ठीक हो जाएं तो जाएं। ये जहां थे वहां से चेक पोस्ट तक सैकड़ों की संख्या में माल वाहक वाहव पार्क थे। सुरक्षा के सवाल पर बताया पुलिस रास्ते में गश्त लगा रही, सबकुछ ठीक है ,लेकिन पिछले दो घंटों से बाहर हैं कुछ दिखा नहीं है। यहां से हरैया गांव के रास्ते डंकन को जानेवाली सड़क से होकर सीमा शुल्क कार्यालय पहुंचे तो सीमा पर स्थित मैत्री पुल पर भारतीय सुरक्षाकर्मियों का शौर्य दिखा। तत्परता दिखी।